
सिरसा, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय स्टेशन सिरसा में रविवार को उत्तरी भारत में बदलते मौसम को मद्देनजर रखते हुए कपास की उत्पादकता बढ़ाने पर पारस्परिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तरी भारत में कपास की खेती से जुड़ी चुनौतियों, कीट एवं रोग प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तथा उत्पादकता बढ़ाने के उपायों पर वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों और हितधारकों के बीच संवाद स्थापित करना था। कार्यक्रम में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के कुलपति डॉ. एसएस गोसल ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
मुख्य अतिथि डॉ. एसएस गोसल ने वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों को प्रेरित करते हुए कहा कि कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवीन तकनीकों एवं अनुसंधान कार्यों को किसानों तक शीघ्र पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों, पोषक तत्व प्रबंधन तथा कीट-रोग नियंत्रण के उन्नत उपायों के प्रति किसानों को जागरूक करने पर बल दिया। सीआईसीआर सिरसा के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एसके वर्मा ने सभी अतिथियों, वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं हितधारकों का स्वागत किया। सीआईसीआर सिरसा प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. ऋषि कुमार ने उत्तरी भारत में कपास की वर्तमान स्थिति, कीट एवं रोग प्रकोप, प्रमुख चुनौतिया, संभावित समाधान तथा भविष्य की अनुसंधान दिशा पर विस्तृत जानकारी दी।
केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, नागपुर के निदेशक डॉ. वीएन वाघमारे ने कपास क्षेत्रफल में गिरावट, उत्पादकता वृद्धि के उपायों तथा भारत सरकार के कपास उत्पादकता मिशन और कपास की खेती के मशीनीकरण से संबंधित पहलुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, बठिंडा के क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशन (आर.आर.एस.) के निदेशक डॉ. परमजीत सिंह ने उच्च उत्पादन देने वाली बी.टी. संकर एवं उपयुक्त किस्मों के चयन के बारे में मार्गदर्शन दिया और भविष्य में किस्म चयन के दौरान सावधानियों पर बल दिया।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
