
–कोर्ट ने कहा, शासनादेश का नहीं किया गया चयन में पालन
प्रयागराज, 14 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बस्ती जिले के खैर औद्योगिक इंटर कालेज के 21 अध्यापकों के चयन को अनुमोदित न करने के आदेश की वैधता के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा 12 मार्च 18 के शासनादेश के बाद 14 अप्रैल 18 को शुरू हुई भर्ती में विहित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। शासनादेश चयन पर लागू होगा। शासनादेश से बदले नियमों का चयन प्रक्रिया में पालन जरूरी था। यह आदेश न्यायमूर्ति दोनाडी रमेश ने मेराजुल हक व 20 अन्य सहायक अध्यापकों की याचिका पर दिया है।
मालूम हो कि प्रबंध समिति ने जिला विद्यालय निरीक्षक बस्ती की अनुमति से 7 जनवरी 18 को प्रधानाचार्य व 29 एल टी ग्रेड अध्यापकों के खाली पद भरने का प्रस्ताव किया। 8 फरवरी 18 को चयन समिति गठित की गई। 27 फरवरी 18 को प्रधानाचार्य पद पर मोहम्मद याहिया के चयन का शिक्षा निदेशक ने 27 फरवरी 18 को अनुमोदन कर दिया। इसके बाद 24 अप्रैल 18 को एल टी ग्रेड अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया। आवेदन मांगे गये। चयन सूची जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजी गई। निरीक्षक ने दो आधारों पर अनुमोदन करने से इंकार कर दिया। कहा कि संस्था अल्पसंख्यक हैं।
नियमानुसार रिक्ति के तीन माह के भीतर पद भरे जाने चाहिए थे। ऐसा न करने से पद स्वयं समाप्त हो गये। इसके लिए शिक्षा निदेशक के निर्देश पर पदों का पुनर्निर्धारण किया जाना चाहिए था। ऐसा नहीं किया गया। साथ ही चयन प्रक्रिया में 12 मार्च 18 के शासनादेश का पालन नहीं किया गया है। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे का कहना था कि प्रबंधकीय विवाद था। कोर्ट ने नई प्रबंध समिति को प्रधानाचार्य व खाली पदों पर चयन करने की अनुमति दी। इसलिए पदों के पुनर्निर्धारण का प्रश्न नहीं उठता। चयन प्रक्रिया शासनादेश आने से पहले शुरू की गई थी। इसलिए यह चयन पर लागू नहीं होगा।
किंतु कोर्ट ने याची अधिवक्ता के तर्क को नहीं माना और कहा चयन में शासनादेश लागू होगा। भर्ती विज्ञापन शासनादेश आने के बाद जारी किया गया है और याचिका पर हस्तक्षेप से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
