
चूरू जिले के यूटीबी चिकित्सकों की याचिका पर हाईकोर्ट की खंडपीठ का अहम निर्णय
जोधपुर, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में आदेश दिए हैं कि नियमित चिकित्सकों की नियुक्ति के बाद रिक्त रह गए चिकित्सा अधिकारी पदों पर तत्काल अस्थायी आधार (यूटीबी) चिकित्सकों को एक माह के भीतर नियुक्ति के लिए कंसीडर किया जाए। यह आदेश वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी एवं न्यायाधीश अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने चूरू जिले में कार्यरत रहे यूटीबी चिकित्सक डॉ. भरत प्रताप सिंह शेखावत, डॉ. सुरजीत सिंह व अन्य की ओर से दायर स्पेशल अपील पर सुनवाई करते हुए जारी किया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने पैरवी की।
याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता खिलेरी ने न्यायालय को बताया कि चूरू जिले के कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक भी चिकित्सक पदस्थापित नहीं है, जबकि कुछ नियमित नियुक्त चिकित्सक अन्यत्र कार्यरत हैं। इसके बावजूद अनुभवी यूटीबी चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं, जो न केवल अनुचित बल्कि विधि-विरुद्ध है। अधिवक्ता खिलेरी ने 2017 में राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर की खंडपीठ द्वारा दर्ज सुओ-मोटो रिट याचिका का हवाला भी दिया, जिसमें राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे कि कोई भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या राजकीय अस्पताल चिकित्सक-विहीन न रहे और नियमित नियुक्ति होने तक यूटीबी चिकित्सकों की सेवाएं जारी रखी जाएं। राज्य सरकार की ओर से यह पक्ष रखा गया कि यदि याचिकाकर्ता आवेदन प्रस्तुत करते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के लिए विचार किया जाएगा। इस पर खंडपीठ ने अपील स्वीकार करते हुए निर्देश दिया कि सीएमएचओ, रतनगढ़ (चूरू) एक माह के भीतर चिकित्सा अधिकारी के रिक्त पदों पर याचिकाकर्ताओं को यूटीबी नियुक्ति कंसीडर करें।
(Udaipur Kiran) / सतीश
