
जयपुर, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 परीक्षा पेपर लीक मामले में एसआईटी चेयरमैन को मंगलवार को उपस्थित होने के लिए कहा है। अदालत ने एसआईटी चेयरमैन का पक्ष जानने की मंशा जताई है कि चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग के दौरान उनके लिए गए टेस्ट को लेकर क्या कार्रवाई हुई थी। जस्टिस समीर जैन ने यह निर्देश कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य की याचिका पर सोमवार को दिया।
सुनवाई के दौरान चयनित अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एके शर्मा और सुरेश पारीक ने अदालत को बताया कि ट्रेनिंग के दौरान एसओजी ने उनका सरप्राइज टेस्ट भी लिया था। जिसमें वे सफल हुए थे। इसलिए यदि पूरी भर्ती प्रक्रिया रद्द की गई तो उनके साथ अन्याय होगा। भर्ती को लेकर सात फीसदी से कम अभ्यर्थी दोषी पाए गए थे और उन्हें सेवा से हटा दिया गया है। चयनित अभ्यर्थियों में से कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जो अपनी पहले की नौकरियों को छोडकर आए हैं। इस पर अदालत ने एएजी विज्ञान शाह से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने एसआईटी चेयरमैन से बात कर बताने के लिए कहा। इसके बाद एएजी शाह ने बताया कि चयनित अभ्यर्थियों का सरप्राइज टेस्ट लिया गया। इसमें केवल 50 ही ऐसे अभ्यर्थी थे, जिनके अंक मेरिट के अनुसार नहीं थे। बाकी अभ्यर्थियों के अंक भर्ती परीक्षा में आए अंकों के करीब-करीब समान ही आए थे। वहीं चयनित अभ्यर्थियों की ओर से ही अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि जब तक वृहत स्तर पर पेपर लीक नहीं हुआ हो भर्ती को रद्द नहीं किया जा सकता। अभी तक घोषित नहीं हुआ है कि इस भर्ती में वृहत स्तर पर पेपर लीक हुआ था।
कटारा पहले हुए गिरफ्तार, राईका हटे थे प्रक्रिया से- सुनवाई के दौरान अदालत ने आरपीएससी के अधिवक्ता एमएम बेग से भर्ती को लेकर सवाल जवाब किए। इस पर आयोग की ओर से कहा गया कि आयोग सदस्य रामूराम राइका ने आयोग को बता दिया था कि उनकी बेटे व बेटी इस भर्ती परीक्षा में बैठ रहे हैं। ऐसे मेें भर्ती का पेपर तैयार होने से पहले ही वे हट गए थे। जिस पर अदालत ने कहा कि उन्हें हटाने के बाद भी प्रोसेस पता था, जवाब में अधिवक्ता बेग ने कहा कि यह प्रोसेस गोपनीय होता है। अदालत ने उन्हें कहा कि यह तो सामने आ चुका है कि कितनी गोपनीयता रहती है। आयोग की ओर से बताया गया कि आयोग ने 30 जून, 2023 को अपनी सिफारिश राज्य सरकार को भेजी थी। इसके करीब दो माह पूर्व ही आयोग सदस्य बाबूलाल कटारा गिरफ्तार हो चुके थे। एसओजी ने जिन सात परीक्षाओं के पेपर लीक होने का हवाला दिया है, उनमें से केवल एक ही द्वितीय श्रेणी अध्यापक परीक्षा उन्होंने ली थी। बाकी छह अन्य भर्ती परीक्षा चयन बोर्ड ने आयोजित की थी।
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(Udaipur Kiran)
