
जयपुर,14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान हाईकोर्ट ने श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के वीसी पद से डॉ. बलराज सिंह को निलंबित करने वाले गत 7 अक्टूबर के आदेश को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने कुछ पाबंदियों के साथ याचिकाकर्ता को वीसी पद ग्रहण करने को कहा है। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता बतौर कुलपति कोई निर्णय नहीं लेंगे। वहीं अदालत ने स्पष्ट किया है कि मामले में जब तक जांच रिपोर्ट चांसलर के समक्ष पेश होकर उस पर निर्णय नहीं हो जाए, तब तक किसी भी नियुक्ति के लिए याचिकाकर्ता के नाम पर विचार नहीं किया जाए। जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. बलराज सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता सुनील समदडिया और अधिवक्ता अरिहंत समदडिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को कृषि विश्वविद्यालय के वीसी पद पर नियुक्त किया गया था। इस पद पर उसका कार्यकाल 15 अक्टूबर, 2025 को समाप्त हो रहा है। याचिकाकर्ता को यह कहते हुए निलंबित कर दिया गया कि उसने पाबंदी के बावजूद अपने कार्यकाल के अंतिम तीन माह में नीतिगत निर्णय लिए। याचिका में कहा गया कि कार्यकाल समाप्ति से सिर्फ सात दिन पहले उसे निलंबित कर दिया गया, ताकि कुलपति के रूप में पुनः नियुक्ति के लिए उन्हें अयोग्य ठहराया जा सके। याचिका में कहा गया कि विवि प्रशासन ने गत 14 अगस्त को विज्ञापन जारी कर नए कुलपति के लिए आवेदन मांगे। जिसमें याचिकाकर्ता ने भी आवेदन किया है। वहीं चयन समिति ने गत एक अक्टूबर को अपनी अंतिम बैठक कर 4 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट पेश कर दी। याचिकाकर्ता को विश्वास है कि रिपोर्ट में उसके नाम को भी नियुक्ति के विचारार्थ शामिल किया गया है। याचिका में कहा गया कि विवि के साल 2013 के अधिनियम की धारा 25 ए के तहत निलंबन से पूर्व राज्य सरकार से परामर्श जरूरी है। इसके बिना किसी भी कुलपति को निलंबित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा इसी धारा के तहत संबंधित कुलपति को सुनवाई का मौका देना भी जरूरी है। जबकि याचिकाकर्ता के निलंबन आदेश में राज्य सरकार से परामर्श लेने का उल्लेख नहीं है और ना ही उसे सुनवाई का मौका दिया गया। वहीं निलंबन आदेश में निराधार और अस्पष्ट कारण बताए गए हैं। इसलिए उसके निलंबन आदेश को रद्द किया जाए।
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(Udaipur Kiran)
