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हिमाचल में चार दिन भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी, कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट

शिमला में मौसम

शिमला, 10 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मॉनसून से मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने 11 से 14 अगस्त तक लगातार भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। विभाग ने 11 अगस्त को चंबा, कांगड़ा और मंडी जिलों में कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ अत्यधिक भारी वर्षा की आशंका जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और सोलन में 11 अगस्त को भारी वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा।

12 अगस्त को चंबा, कांगड़ा और मंडी में ऑरेंज अलर्ट तथा उना, बिलासपुर व सिरमौर में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 13 अगस्त को कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में ऑरेंज अलर्ट, जबकि उना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू और शिमला में येलो अलर्ट रहेगा। 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर में ऑरेंज अलर्ट तथा उना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और सोलन में येलो अलर्ट घोषित किया गया है।

बीते 24 घंटों में कांगड़ा के गग्गल में सर्वाधिक 70 मिमी, पालमपुर में 50, उना के भरवाई में 40, शिमला के सराहन में 30 और जुब्बड़हट्टी में 20 मिमी वर्षा दर्ज की गई। बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं, बांधों का जलस्तर बढ़ रहा है। कांगड़ा के पौंग बांध से छोड़े जा रहे पानी से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिससे इंदौरा क्षेत्र के घरों में पानी घुस गया। प्रशासन ने एसडीएम इंदौरा के नेतृत्व में लोगों को सुरक्षित निकाला।

भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में 359 सड़कें बंद हैं, जिनमें कुल्लू जिला में नेशनल हाईवे-305 भी शामिल है। मंडी में 212, कुल्लू में 91 और कांगड़ा में 22 सड़कें अवरुद्ध हैं। इसके अलावा राज्य भर में कुल 132 बिजली ट्रांसफार्मर (मंडी 77, कुल्लू 50) और 520 पेयजल योजनाएं (कुल्लू 367, मंडी 78, कांगड़ा 72) ठप हैं।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मॉनसून सीजन में अब तक वर्षाजनित हादसों में 224 लोगों की मौत, 36 लापता और 316 घायल हुए हैं। मृतकों में मंडी 44, कांगड़ा 33, चंबा 26, शिमला 21, कुल्लू 18, किन्नौर 16, सोलन 15, हमीरपुर 15, उना 13, बिलासपुर 9, सिरमौर 8 और लाहौल-स्पीति में 6 शामिल हैं।

प्रदेश में 2,040 घर क्षतिग्रस्त (495 पूर्ण रूप से ध्वस्त), 311 दुकानें और 1,946 पशुशालाएं धराशायी हुई हैं। अब तक 54 भूस्खलन, 58 बाढ़ और 30 बादल फटने की घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। कुल नुकसान 1,989 करोड़ रुपये आंका गया है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 1,055 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 681 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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