Bihar

भोजपुरी काव्य पाठ के लिए हिन्दी साहित्यकार के बुलावे का विरोध

Patna Bihar, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । भोजपुरी साहित्य सम्मेलन ने साहित्य अकादमी की पटना में आयोजित उन्मेष कार्यक्रम में भोजपुरी काव्य पाठ के लिए हिन्दी साहित्यकार को आमंत्रित करने पर कड़ा विरोध जताया है।

सम्मेलन के महामंत्री और सारण के निवासी डा. जयकांत सिंह जय और अध्यक्ष डा.ब्रजभूषण मिश्र ने इस आशय का विरोध पत्र साहित्य अकादमी नई दिल्ली के अध्यक्ष को भेजा है।

सम्मेलन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शिवानुग्रह नारायण सिंह ने छपरा में उक्त पत्र की जानकारी देते हुए बताया कि साहित्य अकादमी की भोजपुरी भाषा और साहित्य की मान्यता को लेकर घोर उपेक्षा का भाव सर्वविदित रहा है। अब इसके साथ क्रूर मजाक कर इसकी स्थिति को और हास्यास्पद बनाने का षड्यंत्र चल रहा है।

अनिल सुलभ का भोजपुरी से दूर-दूर तक संबंध नहीं।

विरोध पत्र की जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी ने बताया कि अध्यक्ष और महामंत्री ने कहा है कि पिछले वर्ष दिल्ली और इसबार पटना में आयोजित उन्मेष कार्यक्रम में साहित्य अकादमी द्वारा भोजपुरी कवि के रूप में अनिल सुलभ जी को आमंत्रित किया गया। सुलभ जी का न भाषा-भाषी के रूप में और न ही साहित्यकार के रूप में भोजपुरी से कोई संबंध है। वे बेशक बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष हैं और हिन्दी साहित्यकारों का संगठन चलाते हैं। उनकी मातृभाषा बज्जिका या मैथिली हो सकती है। वे हिन्दी में लिखते हैं।

प्रेषित पत्र में यह कहा गया है कि संगठन चलाने के कारण हमलोगों को पता है कि कौन लोग भोजपुरी के साहित्यिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। सुलभ जी का भोजपुरी के साथ दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। उन्हें साहित्य अकादमी के कार्यक्रम में भोजपुरी कवि के रूप में आमन्त्रित करना न केवल भोजपुरी की स्थिति को हास्यास्पद बनाना है बल्कि सुलभ जी की स्थिति को भी हास्यास्पद बनाना है।

भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के इन दोनों शीर्ष पदाधिकारियों ने साहित्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने की मांग की है।

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(Udaipur Kiran) / सुरभित दत्त

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