
कोरबा, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । कोरबा के ग्रामीण विजय सेंट्रल कोल ब्लॉक के आवंटन का विरोध कर रहे हैं। यह कोल ब्लॉक पश्चिम बंगाल की रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड को कमर्शियल माइनिंग के लिए आवंटित किया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि इससे बड़े पैमाने पर घने जंगल की कटाई होगी और 725 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
उन्होंने आज मंगलवार को तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर परियोजना रद्द करने की मांग की है। कोरबा में कोयला खदानों के विस्तार का विरोध पहले भी देखा गया है। ग्रामीण अपनी जमीन और जंगल की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उनका कहना है कि खदानों के कारण विस्थापन, प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं।
ग्रामीणों को लगता है कि उन्हें उनकी जमीन के बदले उचित मुआवजा और रोजगार नहीं मिल रहा है। कोयला खदानों से निकलने वाले प्रदूषकों के कारण वायु, जल और भूमि प्रदूषण बढ़ रहा है। इससे ग्रामीणों को श्वसन संबंधी समस्याओं सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण दीनानाथ आयाम ने बताया कि रुंगटा कंपनी की ओपन कास्ट कोयला खदान से विजयदाड गांव और आसपास के पंचायत क्षेत्रों को काफी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि जंगल कटेंगे और हाथी प्रभावित क्षेत्र होने के कारण वन्यजीवों पर भी गंभीर असर पड़ेगा। एक अन्य ग्रामीण मेहता राम ने लाखों पेड़ों की कटाई से जंगल और जमीन दोनों के छिन जाने की आशंका जताई।
ग्रामीणों का कहना है कि वे 2018 से वन विभाग से पट्टे की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उनका हक नहीं मिला। अब एक कंपनी के आने के बाद उन्हें पेड़ काटने के आदेश दिए जा रहे हैं। पसान तहसीलदार नवीन देवांगन ने पुष्टि की कि ग्रामीणों ने विजय सेंट्रल कोल ब्लॉक के आवंटन को लेकर ज्ञापन सौंपा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आंदोलन करेंगे।
(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
