
कोलकाता, 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल विधानसभा का माहौल मंगलवार को उस समय गरमा गया जब शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने भारतीय सेना पर विवादित टिप्पणी की। उनके बयान पर आपत्ति जताते हुए विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद भाजपा विधायकों ने भी उनका साथ दिया। लगातार हंगामे के कारण स्पीकर विमान बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया।
मामला सोमवार को धर्मतला स्थित गांधी मूर्ति के पास का है, जहां तृणमूल कांग्रेस द्वारा बनाए गए विरोध मंच को सेना ने हटाना शुरू किया। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सेना का कदम राजनीतिक उद्देश्य से उठाया गया है।
मंगलवार को सदन में भाषण देते हुए शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने इसी घटना का जिक्र किया और कहा कि जब सेना ने हमारे आंदोलन का मंच तोड़ा, तो मुझे 1971 में ढाका में पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई गोलीबारी की घटना याद आ गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने राजनीतिक दबाव में आकर कार्रवाई की है।
ब्रात्य बसु की इस टिप्पणी पर विपक्ष भड़क उठा। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मंत्री ने सेना का अपमान किया है। भाजपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी की और सदन में हंगामा मच गया।
इसी बीच शुभेंदु ने ब्रात्य बसु पर आरएसएस के पूर्व प्रमुख एम. एस. गोलवलकर को गलत उद्धृत करने का आरोप लगाया। बसु ने दावा किया था कि गोलवलकर और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू दोनों भाषाई आधार पर राज्यों के गठन पर सहमत थे, हालांकि उनके दृष्टिकोण में अंतर था। इस पर शुभेंदु ने चुनौती दी कि मंत्री अपने आरोप के प्रमाण विधानसभा सचिवालय में पेश करें। ब्रात्य ने कहा कि वे प्रमाण उपलब्ध कराएंगे।
लगातार हो रहे हंगामे के कारण स्पीकर ने विपक्षी नेता को निलंबित कर दिया, जिसके विरोध में भाजपा विधायक वॉकआउट कर गए।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
