
– पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को तबाह करने वाले अफसरों को मिला सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक
– पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने वाले लड़ाकू पायलटों को वीर चक्र से सम्मानित किया गया
नई दिल्ली, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारतीय सेनाओं के अधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस पर दिए जाने वीरता पुरस्कारों में इस साल ऑपरेशन ‘सिंदूर’ का दबदबा रहा है। भारतीय सेना के उन दो अधिकारियों को सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक से नवाजा गया है, जिन्होंने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को तबाह करने में अहम भूमिका निभाई थी। इसी तरह मुरीदके और बहावलपुर में आतंकवादी समूहों के मुख्यालयों और पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने वाले लड़ाकू पायलटों सहित भारतीय वायु सेना के नौ अधिकारियों को वीर चक्र से सम्मानित किया गया है।
सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक भारत का युद्ध काल में सबसे प्रतिष्ठित सैन्य सम्मान है। इसकी शुरुआत 1980 में की गई थी, तब से 45 वर्षों में अब तक केवल तीन अधिकारियों को ही इस पदक से सम्मानित किया गया है, जिनमें लेफ्टिनेंट जनरल एएस कालकट, एयर मार्शल विनोद पटनी और लेफ्टिनेंट जनरल एचएम खन्ना हैं। यह पहला मौका है, जब एक साथ सेना के सात अधिकारियों को यह पदक प्रदान किया गया है। उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा और सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका के लिए सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।
इसके अलावा पश्चिमी नौसेना कमान के सेवानिवृत्त एफओसी वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह, वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी, वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल जीतेंद्र मिश्रा और डीजी एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश भारती को ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के लिए सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया। भारतीय वायु सेना के 26 अधिकारियों और वायु सैनिकों को वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया है, जिनमें वे लड़ाकू पायलट शामिल हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के अंदर लक्ष्यों को भेदने के मिशन में भाग लिया था। इसमें वे अधिकारी और सैनिक भी शामिल हैं, जिन्होंने एस-400 और अन्य वायु रक्षा प्रणालियों का संचालन करके भारतीय धरती पर पाकिस्तान के योजनाबद्ध सभी हमलों को विफल कर दिया था।
स्वतंत्रता दिवस के जश्न की शुरुआत के साथ ही केंद्र ने गुरुवार को भारतीय वायु सेना के नौ अधिकारियों को वीर चक्र से सम्मानित किया। यह पदक उन लड़ाकू पायलटों को दिया गया है, जिन्होंने पाकिस्तान के मुरीदके और बहावलपुर में आतंकवादी समूहों के मुख्यालयों और पड़ोसी देश की सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाया। युद्धकालीन वीरता का तीसरा सर्वोच्च पदक पाने वालों में ग्रुप कैप्टन (जीपी) रणजीत सिंह सिद्धू, मनीष अरोड़ा, अनिमेष पाटनी, कुणाल कालरा, विंग कमांडर (डब्ल्यूजी सीडीआर) जॉय चंद्रा, स्क्वाड्रन लीडर (स्क्वाड्रन लीडर) सार्थक कुमार, सिद्धांत सिंह, रिजवान मलिक, फ्लाइट लेफ्टिनेंट (एफएलटी एलटी) अर्शवीर सिंह ठाकुर को वीर चक्र से सम्मानित किया गया है।
भारतीय वायु सेना ने इस कार्रवाई में कम से कम छह पाकिस्तानी विमानों को भी मार गिराया है। इसलिए भारतीय वायु सेना के 13 अधिकारियों को हमलों को अंजाम देने और अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिष्ठित युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया। इन अधिकारियों में एयर वाइस मार्शल जोसेफ सुआरेज, एवीएम प्रजुअल सिंह और एयर कमोडोर अशोक राज ठाकुर हैं। ग्रुप कैप्टन आरएस सिद्धू और मनीष अरोड़ा समेत 9 सैनिक वीर चक्र से सम्मानित किया गए हैं। विंग कमांडर अभिमन्यु सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती को उत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। महानिदेशक नौसेना ऑपरेशन वाइस एडमिरल एएन प्रमोद को युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।
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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
