लखनऊ, 2 अगस्त (Udaipur Kiran) । वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा का जो ढांचा था, वह कमजोर, अनियोजित और संसाधनों की कमी से जूझ रहा था। अधिकांश प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय, पीने का पानी, पुस्तकालय, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं थीं। लेकिन बीते 8 वर्षों में योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में ऑपरेशन कायाकल्प, समग्र शिक्षा, पीएम श्री योजना और प्रेरणा ऐप जैसे अनेक नवाचारों से शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन कर दिया है। योगी सरकार के बीते आठ वर्षों में बेसिक शिक्षा का ढांचा केवल बदला नहीं, बल्कि भविष्य के अनुकूल बना है। जहां एक समय यूपी के स्कूलों को खस्ताहाल माना जाता था, वहीं आज वही स्कूल स्मार्ट क्लास, डिजिटल शिक्षा, शौचालय, पुस्तकालय, सुरक्षा, छात्रवृत्ति और पोषण जैसे सभी पहलुओं में देश में उदाहरण बन चुके हैं। यूपी में शिक्षा का यह परिवर्तन नीति आयोग और भारत सरकार द्वारा प्रशंसा योग्य घोषित हो चुका है। यह दिखाता है कि अगर इच्छाशक्ति हो और सही योजना बनाई जाए, तो किसी भी व्यवस्था को बदला जा सकता है।
ऑपरेशन कायाकल्प ने बदली तस्वीरयोगी सरकार द्वारा आरंभ किए गए ऑपरेशन कायाकल्प अभियान के जरिए स्कूलों को 19 मानकों पर सुधार का लक्ष्य दिया गया, जिसमें 96% तक सफलता हासिल की गई। इन बदलावों में बालिकाओं के लिए शौचालय की उपलब्धता 33.9% से बढ़कर 83.3% हो गई। विद्युत उपलब्धता 85.9% तक पहुंची, 30% की वृद्धि हुई है। 88.5% स्कूलों में सुरक्षित पेय जल की व्यवस्था है। 77 प्रतिशत विद्यालयों में लाइब्रेरी है।
बालिका शिक्षा की नई उड़ानकस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय:2017 में नामांकन: 72,680 छात्राएं2024-25 में बढ़कर 83,584 छात्राएं746 केजीबीवी विद्यालयों में आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लास, डॉर्मिट्री, कंप्यूटर लैब आदि उपलब्ध718 डॉर्मिट्री, 514 टॉयलेट ब्लॉक, 574 कंप्यूटर लैब्स बनाए गए
खेल और शारीरिक शिक्षा में निवेश87,023 प्राथमिक स्कूलों को ₹5,000 प्रति स्कूल44,526 उच्च प्राथमिक स्कूलों को ₹10,000 प्रति स्कूलअब खेल भी शिक्षा का अनिवार्य हिस्सा बन चुका है
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
