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नगर निगम के दावों की खुली पोल, भीलवाड़ा में पहली बारिश ने दिखाई सफाई व्यवस्था की हकीकत

नगर निगम के दावों की खुली पोल, भीलवाड़ा में पहली बारिश ने दिखाई सफाई व्यवस्था की हकीकत
नगर निगम के दावों की खुली पोल, भीलवाड़ा में पहली बारिश ने दिखाई सफाई व्यवस्था की हकीकत
नगर निगम के दावों की खुली पोल, भीलवाड़ा में पहली बारिश ने दिखाई सफाई व्यवस्था की हकीकत
नगर निगम के दावों की खुली पोल, भीलवाड़ा में पहली बारिश ने दिखाई सफाई व्यवस्था की हकीकत
नगर निगम के दावों की खुली पोल, भीलवाड़ा में पहली बारिश ने दिखाई सफाई व्यवस्था की हकीकत
नगर निगम के दावों की खुली पोल, भीलवाड़ा में पहली बारिश ने दिखाई सफाई व्यवस्था की हकीकत

भीलवाड़ा, 21 जून (Udaipur Kiran) ।

भीलवाड़ा में शनिवार को मानसून की पहली बारिश ने नगर निगम की सफाई व्यवस्था की पूरी पोल खोल दी। सुबह से दोपहर तक जमकर हुई बारिश से जहां एक ओर लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं दूसरी ओर शहर की सड़कों, कॉलोनियों और चौराहों पर पानी भरने और गंदगी फैलने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बारिश के दौरान शहर के प्रमुख क्षेत्र सांगानेरी गेट, शास्त्री नगर, रोडवेज डिपो चैराहा, बीएसएनएल टावर मार्ग, श्रीगेस्ट हाउस, रामद्वारा रोड, बाहला, देवरिया बालाजी, सीताराम जी बावड़ी रोड, तेजाजी चैक और छीपा बिल्डिंग के पीछे जैसे इलाकों में पानी भर गया। तेजाजी चैक की रपट दो दिन की बरसात के बाद पूरी तरह बहने लगी, जिससे आवागमन ठप हो गया।

वाहन चालकों के लिए हालात बेहद खतरनाक बन गए। सड़कों पर गड्ढे पानी में छिप गए, जिससे कई दुपहिया वाहन गिर गए और कुछ वाहन मेनहोल में फंस गए। लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर नगर निगम प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया और सवाल खड़े किए।

बारिश के चलते नाले-नालियां उबल पड़ीं और उनमें जमा कचरा बहकर सड़कों पर फैल गया। निचली बस्तियों में पानी घरों में घुस गया, जिससे नागरिकों में भारी आक्रोश है। रामद्वारा रोड और सीताराम जी बावड़ी रोड जैसे इलाकों में पानी का बहाव इतना तेज था कि लोग घरों से बाहर नहीं निकल सके।

क्षेत्रवासियों ने बताया कि हर साल मानसून में यही हाल होता है, पर प्रशासन कोई स्थायी समाधान नहीं करता।

सड़क मरम्मत और पेचवर्क के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई थी। वहीं, सीवरेज खुदाई के अधूरे कार्यों ने हालात और बदतर कर दिए। बारिश के कुछ घंटों में ही जिला प्रशासन और नगर निगम की अव्यवस्थाओं की परतें खुल गईं। गड्ढों से भरी सड़कों और उफनते नालों ने साफ कर दिया कि व्यवस्था सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। वस्त्रनगरी की सड़कों पर चलना मानो जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है। कई क्षेत्रों में सड़कें पूरी तरह से धंसी नजर आईं। तेज बारिश के कारण तीन से चार फीट तक पानी भर गया, जिससे आवागमन मुश्किल हो गया।

शहर के आसपास के पुर और सांगानेर जैसे उपनगरीय इलाकों की हालत भी चिंताजनक रही। वहां की नालियां उफान पर रहीं और कचरा बहकर सड़कों पर आ गया। क्षेत्रवासियों ने बताया कि बदबू और गंदगी से जीवन दूभर हो गया है। निगम की अनदेखी के चलते लोग खुद बाल्टी लेकर पानी निकालने को मजबूर हैं।

शहर की बदहाल स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है और शहरवासियों के लिए हेल्पलाइन नंबर 01482-232671 जारी किया है। प्रशासन का कहना है कि बारिश के दौरान यदि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति आती है तो इस नंबर पर संपर्क कर सहायता प्राप्त की जा सकती है।

मानसून की पहली ही बारिश में नगर निगम के दावों की कलई खुल गई। यह साफ हो गया कि बारिश से निपटने की कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई थी। नालों की सफाई, सड़कों की मरम्मत और सीवरेज व्यवस्था पर खर्च हुआ बजट किस हद तक धरातल पर उतरा, यह आज की बारिश ने पूरी तरह से दिखा दिया।

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(Udaipur Kiran) / मूलचंद

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