


– भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर आयोजित संगोष्ठी को किया संबोधित
भोपाल, 20 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में इतना साहस है कि वे देश के हित में कोई भी कठोर निर्णय ले सकते हैं। ‘एक देश-एक चुनाव’ को लागू करने में देश के सभी लोगों को उनके साथ खड़े होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसे नेता हैं, जो घबराते नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि मैं राजनीति टाइम पास करने नहीं, बल्कि व्यवस्थाएं ठीक करने के लिए आया हूं। वो ट्रंप के टैरिफ के सामने नहीं झुके। उन्होंने नोटबंदी करके भ्रष्टाचार पर नकेल कसी। मुस्लिम बहनों को परेशानियों से मुक्त करने के लिए तीन तलाक विरोधी कानून बनाया। वक्फ बोर्ड की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने कानून बनाया और हाल ही में जीएसटी की दरें कम करने का साहसिक निर्णय लिया है।
राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने शनिवार को हुजूर विधानसभा के संत हिरदारामनगर स्थित गर्ल्स कॉलेज ऑडिटोरियम में ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित किया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष व विधायक हेमंत खण्डेलवाल ने भी संबोधित किया। इस मौके पर प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद उपस्थित थे। शिवप्रकाश ने कहा कि देश के विकास के लिए देश के हर नागरिक को प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के आजादी के बाद 1952, 1957 और 1962 में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हुए। बाद में कांग्रेस की सरकार ने जब अन्य दलों की सरकारों को भंग करना शुरू किया, तो मध्यावधि चुनाव होने लगे। जब पहले हुए चुनावों के दौरान कोई समस्या नहीं आई, तो अब देश में एक साथ चुनाव कराने में क्या समस्या आ सकती है।
कांग्रेस और विपक्षी दल मतदाताओं पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं- खण्डेलवाल
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि मध्यावधि चुनाव और आपातकाल के कारण ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव की व्यवस्था बिगड़ गई। विपक्षी दल ‘एक राष्ट्र एक, चुनाव’ पर सवाल उठाकर हमारे देश के समझदार और जागरूक मतदाताओं पर प्रश्न चिन्ह उठाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सन 1962 ,1967 तक हमारे देश में एक साथ चुनाव होते थे। सन 1967 के बाद मध्यावधि चुनाव, फिर आपातकाल के कारण यह सिलसिला बिगड़ गया और फिर चुनाव अलग-अलग होने लगे। पिछले लोकसभा चुनावों की अगर बात की जाए तो उसका कुल शासकीय खर्चा एक लाख करोड़ से ज्यादा था। प्रत्याशियों का खर्चा, समाज के विभिन्न लोगों का खर्चा इसमें शामिल नहीं था। अगर विधानसभा के खर्चों को जोडकर हम इसमें पांच का भाग दें तो 20 हजार करोड़ का बोझ देश पर आता है। अगर हम प्रधानमंत्री मोदी के लोकप्रिय आयुष्मान योजना का बजट भी सिर्फ 9 हजार 500 करोड़ है। मतलब साफ है कि 20 हजार करोड़ से देश में कोई बड़ा काम हो सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म का हुआ प्रदर्शन, रक्तदान शिविर का आयोजन
संगोष्ठी के शुभारंभ से पहले सेवा पखवाड़े के तहत प्रधानमंत्री मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘‘चलो जीते हैं‘‘ का प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री के बाल्यकाल में आने वाली कठिनाइयों, संघर्षों और परिश्रम को फिल्म के जरिए दिखाया गया है। संगोष्ठी के साथ रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं और लोगों ने रक्तदान किया। इस दौरान मंच पर मीसाबंदी कर्नल नारायण पारवानी एवं नेचुरोपैथी के चिकित्सक डॉ. अंकेश सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में हुजूर विधानसभा के विभिन्न कॉलेज एवं स्कूल के छात्र छात्राएं, कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, समाजजन एवं क्षेत्रवासी शामिल हुए। संगोष्ठी को विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी संबोधित किया। संगोष्ठी में ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के पक्ष में छात्र छात्राओं ने भी अपने विचार रखे।
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत
