


सुलतानपुर, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के जिला सुलतानपुर में स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि यदि श्रीराम जैसा मर्यादावादी स्वामी नहीं बन सकते तो हनुमानजी जैसा मर्यादावादी सेवक बनने का प्रयास करें, क्याेंकि मर्यादा ही मनुष्य को महान बनाती है।
कादीपुर स्थित सूरापुर के विजेथुआ धाम में सोमवार को वाल्मीकि रामायण कथा का चौथा दिन था। उन्होंने समाज में अव्यवस्था का मुख्य कारण मर्यादा का क्षय बताया। उन्हाेंने कहा कि जब व्यक्ति अपने आचरण में अनुशासन और सेवा भाव लाता है, तभी समाज में संतुलन और सद्भाव स्थापित हो सकता है। नेता बनना बड़ी बात नहीं, बल्कि मर्यादा में रहकर सेवा करना ही सबसे बड़ी साधना है।
स्वामी रामभद्राचार्य ने श्रीराम के जीवन को धर्म और मर्यादा के पालन का आदर्श बताया, जबकि हनुमानजी को सेवक होकर भी मर्यादा की मिसाल पेश करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि हनुमानजी ने अपने समर्पण और निष्ठा से यह सिद्ध किया कि सेवा का अर्थ केवल आज्ञापालन नहीं, बल्कि पूर्ण मर्यादा में रहकर कर्तव्य निभाना है।
कथा स्थल पर बड़ी संख्या में माैजूद श्रद्धालुओं के जय श्रीराम और हनुमानजी महाराज की जय के जयघोष से वातावरण को गुंजायमान कर दिया। स्वामी के अनुसार यदि प्रत्येक व्यक्ति श्रीराम की मर्यादा और हनुमानजी की निष्ठा को अपना ले, तो समाज में प्रेम, शांति और आदर्श जीवन की स्थापना संभव है।
कथा शुरू हाेने से पहले बिजथुआ महोत्सव के आयोजक व सत्य पथ फाउंडेशन के संरक्षक विवेक तिवारी ने अपनी पत्नी के साथ व्यास पीठ की पूजा-अर्चना की और श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय संगठन मंत्री बिहार-झारखंड नागेन्द्र , पूर्व मंत्री व एमएलसी अशोक कटारिया, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता् प्रेम प्रकाश शुक्ला, समाजसेवी रोहित सिंह, डीसी मनरेगा अजीत सिंह, जिला विकास अधिकारी गजेंद्र तिवारी, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी, डॉ. रत्नेश तिवारी, डॉ. गिरजेवाश तिवारी, रत्नेश द्विवेदी, राम विनय सिंह, अम्बरीष मिश्र सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / दयाशंकर गुप्त
