
जयपुर, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । साइबर अपराधी लगातार नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। इसके चलते राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को केवाईसी विवरण अपडेट करने के नाम पर होने वाली साइबर धोखाधड़ी से सतर्क रहने की सलाह दी है।
कैसे फंसाते हैं ठग जाल में
एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी खुद को बैंक अधिकारी बताते हुए लोगों को फर्जी एसएमएस, ईमेल या कॉल करते हैं। वे लोगों को डराते हैं कि अगर उन्होंने अपना केवाईसी अपडेट नहीं कराया तो उनका बैंक खाता ब्लॉक कर दिया जाएगा या सभी लेनदेन रोक दिए जाएंगे। जब लोग घबराकर केवाईसी अपडेट करने का तरीका पूछते हैं, तो ये अपराधी उन्हें एक संदिग्ध मैलवेयर एपीके फाइल डाउनलोड करने या अपना ओटीपी शेयर करने के लिए कहते हैं। इन निर्देशों का पालन करते ही आपकी सभी व्यक्तिगत और बैंकिंग जानकारी अपराधियों के हाथ लग जाती है और आप ठगी का शिकार हो जाते हैं। याद रखें कि कोई भी बैंक या वित्तीय संस्था कभी भी फोन कॉल या इस तरह के अन्य माध्यमों से आपकी गोपनीय जानकारी नहीं मांगती है।
साइबर ठगी से बचने के लिए क्या करें
राजस्थान पुलिस ने इस नई धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय बताए हैं। जिसमें प्रमुख है कि केवाईसी प्रक्रिया हमेशा अपनी बैंक शाखा में जाकर ही पूरी करें। किसी भी अज्ञात स्रोत से मिली फाइलें डाउनलोड न करें। ईमेल या व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया ऐप्स पर भेजे गए अनाधिकृत लिंक पर कभी भी क्लिक न करें,खासकर ऐप्स डाउनलोड करने के लिए।
किसी भी संदिग्ध या धोखाधड़ी वाले संचार की जानकारी चक्षु पोर्टल पर दें।
अपनी गोपनीय जानकारी,जैसे बैंक खाता संख्या, कार्ड नंबर, सीवीवी, पिन, ओटीपी या इंटरनेट बैंकिंग विवरण, किसी के साथ साझा न करें। अगर आप किसी ऐसी धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल या अपने निकटतम पुलिस स्टेशन—साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।
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(Udaipur Kiran)
