मुंबई, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मुंबई मनपा की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) राशि को लेकर विपक्ष राज्य सरकार पर हमला बोलता रहा है। अब सामने आया है कि मनपा की एफडी 81 हजार करोड़ से घटकर 80 हजार करोड़ रुपये हो गई है। जमा राशि में एक हजार करोड़ रुपये की कमी आई है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में मुंबई मनपा ने बताया था कि एफडी राशि लगभग 81 हजार करोड़ रुपये थी। लेकिन पिछले सात महीनों में यह घटकर 80 हजार करोड़ हो गई है। इस राशि का इस्तेमाल विशेषकर विकास कार्यों के लिए किया जाता है। पिछले दो-ढाई वर्षों से ये राशि लगातार घट रही है जो चिंता का विषय है। एक समय लगभग 90 हजार करोड़ रुपये से ज़्यादा की एफडी जमा होने वाली मुंबई मनपा की राशि अब 80 हजार करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गई है। बीएमसी देश की सबसे संपन्न महानगरपालिकाओं में से एक है। इसकी विभिन्न विभागों की अधिशेष राशि विभिन्न बैंकों में एफडी के रूप में रखी जाती है। अधिकतम ब्याज दर देने वाली बैंकों में इसे जमा किया जाता है। इन राशि से ही मनपा का परिचालन खर्च, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को देय राशि और अन्य विकास परियोजनाएं पूरी की जाती हैं।
कोरोना महामारी के दौरान निर्माण सामग्री की कीमतों में राहत दी गई थी, जिससे निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिला था। मार्च 2022 में मनपा की आय लगभग 14,750 करोड़ रुपये थी। उस समय लगभग 91 हजार करोड़ रुपये से अधिक एफडी थी। उसके बाद धीरे-धीरे गिरावट दर्ज की गई। एफडी राशि में गिरावट के पीछे एक वजह ये है कि कुछ निधि विकास परियोजनाओं के लिए रिज़र्व फंड (रक्षित निधि) के रूप में रखी जाती थीं। कोस्टल रोड परियोजना, गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड, सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट आदि बड़े खर्चीले और समय लेने वाले प्रोजेक्ट्स के लिए निधि आरक्षित होती है। जब इन प्रोजेक्ट्स की देय राशि ठेकेदारों को चुकानी होती है, तब ये निधियां उपयोग होती हैं।
बीएमसी ने पिछले कुछ वर्षों से रिज़र्व फंड का उपयोग करना शुरू कर दिया है। इस आर्थिक वर्ष में लगभग 16 हजार करोड़ रुपये की एफडी विकास परियोजनाओं के लिए आरक्षित की गई है। आशंका जताई जा रही है कि सीसी रोड, पुल, वर्सोवा-दहिसर कोस्टल रोड, दहिसर-भाईंदर लिंक रोड, गोरेगांव -मुलुंड लिंक रोड आदि बड़ी परियोजनाओं के खर्च पर एफडी घट सकती है।
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(Udaipur Kiran) / वी कुमार
