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एक माह बिना वेतन होती है समस्या, परिवार दो साल से कैसे कर रहा होगा गुजारा-हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान हाईकोर्ट ने दो साल से कोमा में चल रहे सीटीओ को मासिक वेतन नहीं देने पर नाराजगी जताई है। इसके साथ ही अदालत ने तत्काल वाणिज्यिक कर सचिव को तलब कर याचिकाकर्ता को सात दिन में समस्त बकाया भुगतान करने को कहा है। जस्टिस रवि चिरानिया की एकलपीठ ने यह आदेश मेघा कंवर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने वाणिज्य कर सचिव को कहा कि एक माह वेतन नहीं मिले तो परिवार पर संकट आ जाता है। आखिर दो साल से यह परिवार कैसे अपनी गुजर कर रहा होगा, जबकि उसे इलाज पर भी खर्च करना पडता है।

याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए अदालत ने विभाग के आयुक्त को लंच ब्रेक के बाद अदालत में तलब किया। अदालती आदेश की पालना में आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे वित्त सचिव कुमार पाल गौतम वीसी के जरिए अदालत से जुडे। इस दौरान अदालत ने कहा कि सरकार के कभी सोचा कि याचिकाकर्ता के परिवार को दो साल से किन संकटों का सामना करना पड रहा है। अदालत ने दिवाली को देखते हुए एक सप्ताह के भीतर बकाया भुगतान करने को कहा।

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का पति विभाग में साल 2006 में नियुक्त हुआ था और बाद में पदोन्नत होकर सीटीओ बना था। ब्रेन हेमरेज होने के कारण वह 76 फीसदी दिव्यांग होकर 7 अगस्त, 2023 से कोमा में चल रहा है। एक साल विभाग ने उसके उपार्जित अवकाश सहित अन्य परिलाभों का समायोजन कर उसे वेतन के तौर पर राशि देना जारी रखा, लेकिन इसके बाद उसे वेतन देना बंद कर दिया। जबकि दिव्यांग अधिनियम के तहत आंशिक दिव्यांग कर्मचारी को दूसरा काम दिया जा सकता है। वहीं यदि पूर्ण दिव्यांगता है तो भी उसे रिटायर होने तक समस्त वेतन दिया जाएगा।

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(Udaipur Kiran)

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