HimachalPradesh

कृषि विश्वविद्यालय द्वारा मंडी में एक दिवसीय पशु स्वास्थ्य एवं जागरूकता शिविर का आयोजन

जागरूकता शिविर के दौरान पशुपालकों को किट वितरित करते हुए।

धर्मशाला, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर के पशु चिकित्सा विकृति विज्ञान विभाग द्वारा “अनुसूचित जाति समुदाय में पशुधन एवं अश्व आबादी के वैज्ञानिक हस्तक्षेप द्वारा संवर्धन” विषय पर आधारित एक दिवसीय पशु स्वास्थ्य एवं जागरूकता शिविर का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के सहयोग से किया गया। यह परियोजना राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र द्वारा प्रायोजित था।

शिविर का नेतृत्व विभागाध्यक्ष डॉ. आर.के. असरानी एवं परियोजना प्रमुख अन्वेषक डॉ. राकेश कुमार द्वारा किया गया। शिविर का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति समुदाय के पशुपालकों को वैज्ञानिक पद्धतियों से पशुधन, विशेषकर अश्व एवं दुग्ध पशुओं के पालन, स्वास्थ्य एवं पोषण प्रबंधन के बारे में जागरूक करना रहा। इस अवसर पर चयनित प्रगतिशील पशुपालकों को आवश्यक दवाइयां, कृमिनाशक दवाएं तथा पोषण सामग्री निःशुल्क वितरित की गई। साथ ही रोगों की पहचान, रोकथाम एवं उपचार से जुड़ा व्यवहारिक प्रशिक्षण भी विशेषज्ञों द्वारा दिया गया।

कुलपति प्रो. नवीन कुमार ने आयोजकों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस तरह की पहल जमीनी स्तर पर समावेशी विकास और क्षमता निर्माण के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। पशुधन प्रबंधन में वैज्ञानिक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल के साथ हाशिए पर पड़े समुदायों को सशक्त बनाना न केवल उनकी आजीविका सुरक्षा को बढ़ाता है, बल्कि ग्रामीण समृद्धि में भी योगदान देता है। उन्होंने पशु चिकित्सा सेवाओं और जागरूकता को सीधे किसानों तक पंहुचाने में विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के समर्पित प्रयासों की भी सराहना की।

केवीके मंडी के प्रभारी डॉ. पंकज सूद ने बताया कि इस प्रकार के शिविर अनुसूचित जाति समुदाय के पशुपालकों को वैज्ञानिक पशुधन प्रबंधन के प्रति जागरूक कर उनकी आजीविका सशक्त बनाने का कार्य करते हैं।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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