
मुंबई , 27अक्टूबर( हि. स.) । । ठाणे सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने आज अपनी सहकर्मी, महिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. संपदा मुंडे की संदिग्ध मौत का कड़ा विरोध काली पट्टी बांधकर किया। महाराष्ट्र के फलटण (सतारा) उप-ज़िला अस्पताल में कार्यरत इस युवा महिला डॉक्टर की मौत ने न केवल चिकित्सा जगत को, बल्कि राज्य की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है।
हालांकि डॉक्टरों ने अपना नियमित काम जारी रखा और हाथों पर काली पट्टी बांधी।अस्पताल का गलियारा शांत था। लेकिन उस शांति के पीछे बेबसी, गुस्से और दर्द का तूफ़ान था।
“एक सहकर्मी ने अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई, लेकिन प्रशासन ने उस आवाज़ को अनसुना कर दिया… और आज वह आवाज़ हमेशा के लिए बंद हो गई है। महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित चिकित्सा अधिकारी समूह-ए (MAGMO) संघ ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। संगठन का कहना है, “यह घटना सिर्फ़ एक डॉक्टर की नहीं है; यह पूरी मानवता के लिए कार्यरत स्वास्थ्य व्यवस्था की सुरक्षा पर सवाल उठ खड़े है।
अब स्वास्थ संगठन ने मांग की है कि राज्य सरकार, शीघ्र ही आरोपियों के खिलाफ आईपीसी 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और आईपीसी 376 (बलात्कार) के तहत मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करे और एसआईटी के माध्यम से निष्पक्ष जांच कराए। मैग्मो ने राज्य सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है और चेतावनी दी है कि अगर इसके बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो राज्य भर के सभी चिकित्सा अधिकारी ओपीडी सेवा बंद कर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
हम मरीजों की जान बचाते हैं, लेकिन हमारे साथी को बचाने के लिए कोई आगे नहीं आया… यह हम सभी के लिए काला दिन है, महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित चिकित्सा अधिकारी समूह-ए संघ की ठाणे शाखा ने कहा है कि स्वास्थ कर्मी यह अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
