
कठुआ, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । कठुआ युवा राजपूत सभा के बैनर तले महाराजा हरि सिंह की 130वीं जयंती के उपलक्ष पर शहर में विशाल रैली का आयोजन किया गया।
मंगलवार को महाराजा हरि सिंह के 130वें जन्म दिवस पर कठुआ शहर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसमें कठुआ राजपूत सभा, एक्स सर्विसमैन वेलफेर सहित कई संस्थाओं ने महाराजा हरि सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। कठुआ युवा राजपूत सभा के बैनर तले रामलीला मैदान से रैली की शुरुआत की गई और शहर के शहीदी चाैक, कॉलेज मार्ग, परशुराम चाैक से होते हुए आकाश होटल पर पहुंची। इस अवसर पर पूर्व सांसद चाैधरी लाल सिंह भी रैली में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि महाराजा हरि सिंह जम्मू और कश्मीर के अंतिम शासक थे जिन्होंने राज्य को भारत में विलय करने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने शासनकाल में कई सुधार किए और राज्य के विकास के लिए काम किया। पूर्व सांसद ने अपने संबंोधन में जम्मू कश्मीर को वापस रियासत का दर्जा देने की मांग की।
रैली में सर्वधर्म सेवा समिति के सदस्यों ने भाग लिया और रैली का स्वागत किया। ढोल नगाड़ों के साथ रैली में शामिल लोगों ने महाराजा हरि सिंह अमर रहे के नारे लगाए और पूरे शहर में उत्साह और जोश का माहौल बना। इसी प्रकार राजपूत सभा पठानकोट के सदस्यों ने भी भाग लिया। कठुआ युवा राजपूत सभा के सदस्यों ने बताया कि महाराजा हरि सिंह के जन्म दिवस पर छुट्टी की मांग को लेकर सभी ने एकजुट होकर प्रयास किया था और छुट्टी मंजूर भी हुई थी। सभा के सदस्यों ने महाराजा हरि सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने अपना सारा जीवन लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया और जम्मू कश्मीर को भारत के साथ विलय किया। उन्होंने कहा कि महाराजा हरि सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान समाज में फैली बुराइयों को दूर किया जिसमें बाल विवाह तथा दहेज प्रथा प्रमुख बुराइयां थी। उन्होंने कहा कि महाराजा हरि सिंह ने अगर सही समय पर सही फैसला नहीं लिया होता। तो आज जम्मू कश्मीर पाकिस्तान के साथ होता और उन्हीं के फैसले के कारण आज जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि महाराजा हरि सिंह ने जम्मू कश्मीर के लिए जो योगदान दिया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
