अयोध्या, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । विश्व हिन्दू महासंघ ने सिविल लाइन स्थित एक गेस्ट हाउस में गोरक्षपीठाधीश्वर साकेतवासी महंत अवैद्यनाथ की पुण्यतिथि के अवसर पर समरसता भोज एवं संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साधु-संत, महंत और विश्व हिन्दू महासंघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर धर्माचार्य प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आचार्य हरिओम पाठक ने कहा कि महंत अवैद्यनाथ राष्ट्र संत थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में समाज और राष्ट्र की एकता को सर्वोपरि माना। राम मंदिर आंदोलन में उन्होंने नेतृत्वकारी भूमिका निभाते हुए अयोध्या को राष्ट्रीय चेतना का केंद्र बनाया।
आचार्य हरिओम पाठक ने कहा कि महंत अवैद्यनाथ का जीवन आदर्श और प्रेरणादायी रहा है। उनके नेतृत्व में गोरक्षपीठ न केवल आध्यात्मिक जागरण का केंद्र रहा बल्कि समाज सेवा, शिक्षा और राष्ट्रहित के कार्यों में भी अग्रणी रहा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उनके उत्तराधिकारी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ उनके पदचिह्नों पर चलकर न केवल सनातन संस्कृति की रक्षा कर रहे हैं बल्कि प्रदेश को विकास के पथ पर भी अग्रसर कर रहे हैं।
संगोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने महंत अवैद्यनाथ के जीवन प्रसंगों को याद किया और उनके योगदान को समाज के लिए अनुकरणीय बताया। गोरक्षा प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण दुबे ने कहा कि उनका संपूर्ण जीवन समाज के उत्थान, गोरक्षा, मंदिर आंदोलन और सांस्कृतिक जागरण को समर्पित रहा। उन्होंने राजनीति को भी जनसेवा का माध्यम बनाया और सदैव धार्मिक मूल्यों के संरक्षण की वकालत की।
कार्यक्रम के अंत में समरसता भोज का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न वर्गों के लोगों ने एक साथ भोजन किया। आयोजकों ने इसे महंत अवैद्यनाथ की समरसता और सर्वधर्म सद्भाव की भावना को आगे बढ़ाने का प्रतीक बताया। मौके पर महासंघ के पदाधिकारियों ने संकल्प लिया कि राष्ट्र संत की शिक्षाओं और विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य निरंतर जारी रहेगा। संगोष्ठी में संभाग प्रभारी संजय शुक्ला, मंडल प्रभारी रवि सिंह, विजय शंकर पाण्डेय, विजय शंकर शुक्ला, जिला प्रभारी राजीव पांडेय धनश्याम मौर्या, सरोज पाण्डेय, तुलसी निषाद, आचार्य बृज मोहन, प्रतिभा निषाद, सागर सोनकर, हर्ष गुप्ता सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / पवन पाण्डेय
