Uttar Pradesh

भगवान आशुतोष के जयकारों संग शिवरात्रि पर कांवड़ बेड़ों ने रात्रि तीन बजे से प्रारंभ किया जलाभिषेक

श्रावण मास की शिवरात्रि पर 84 घंटा मंदिर में रात्रि में जलाभिषेक करते कांवड़ बेड़े और श्रद्धालु।
सावन मास की शिवरात्रि पर मंदिर में जलाभिषेक करते श्रद्धालु।

कांवड़ियों की भीड़ को देखते हुए प्राचीन सिद्धपीठ 84 घंटा मंदिर और झारखंडी शिव मंदिर के कपाट रात्रि तीन बजे खोल दिए गए

मुरादाबाद, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुरादाबाद में श्रावण मास की शिवरात्रि पर बुधवार को कांवड़ बेड़ों ने रात्रि तीन बजे से भगवान आशुतोष के जयकारों संग जलाभिषेक प्रारंभ कर दिया। कांवड़ियों की भीड़ को देखते हुए किसरौल स्थित प्राचीन सिद्धपीठ 84 घंटा मंदिर और नागफनी स्थित झारखंडी शिव मंदिर के कपाट रात्रि तीन बजे खोल दिए गए थे। वहीं महानगर के सभी मंदिरों के शिवालयों में तड़के से ही जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। प्रमुख मंदिरों में दोपहर दो बजे तक डाक कांवड़ पहुंचती रहीं। शिवालयों को भव्य रूप से सजाया गया। भगवान शिव को भोग लगाकर व्रत को विश्राम दिया।

श्रावण मास की शिवरात्रि पर जलाभिषेक के लिए शिवालयों में कांवड़ बेड़ों के साथ श्रद्धालु उमड़े। चौरासी घंटा मंदिर और झारखंडी शिव मंदिर पर रात्रि 12 बजे के बाद से ही हरिद्वार और बृजघाट से कांवड़ लेकर आए कांवड़ियों की भीड़ जुटने लगी थी। मंदिर पर भगवान आशुतोष का जयघोष होने लगा था। भीड़ को देखते हुए कांवड़ बेड़ों के साथ आने वाले डीजे और अन्य वाहनों को थाना नागफनी और दीवान का बाजार के चौराहे पर ही रोक दिया। भीड़ के कारण 84 घंटा मंदिर और झारखंडी शिव मंदिर के कपाट रात्रि लगभग तीन बजे खोल दिए गए थे। 84 घंटा मंदिर के मुख्य पुरोहित पुजारी विष्णु दत्त शर्मा ने बताया कि मंदिर की साफ सफाई के बाद आरती हुई और लगभग 3 बजे से सबसे पहले कांवड़ और डाक कांवड़ के जत्थों ने जलाभिषेक प्रारंभ कर दिया। तड़के चार बजे से अन्य श्रद्धालुओं ने भी पहुंचना शुरू कर दिया। इन्होंने कतारबद्ध होकर पूजा अर्चना करके भगवान आशुतोष का जलाभिषेक किया।

श्रावण मास की शिवरात्रि पर महानगर के लोगों ने काफी संख्या में हरिद्वार और ब्रजघाट से गंगाजल लाकर जलाभिषेक किया। यह लोग दोपहिया चौपहिया वाहनों से आज तड़के गंगाजल लेकर विभिन्न मंदिरों में पहुंच गए और जलाभिषेक किया। इसके अलावा महानगर के सभी मंदिरों में भक्तों ने परिवार संग जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की। भक्तों ने भोले बाबा को भांग, धतूरा और बेलपत्ती का प्रसाद चढ़ाकर जलाभिषेक किया। मंदिरों में महिला संकीर्तन मंडली द्वारा कीर्तन किया गया और महा आरती भी हुई। इस दौरान काफी मंदिरों को फूल-पत्तियों, रंग बिरंगी लाइट की झालरों और फलों से सजाया भी गया।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

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