
मीरजापुर, 15 सितंबर (Udaipur Kiran News) । पितृपक्ष की मातृ नवमी तिथि पर सोमवार को विंध्याचल स्थित अष्टभुजा पहाड़ी पर स्थित पवित्र सीताकुंड पर सुबह से ही महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालु महिलाओं ने स्नान कर अपने पूर्वजों को जल से तर्पण किया और सौभाग्य सामग्री का दान दिया।
सुबह पांच बजे से ही सीताकुंड परिसर में महिलाओं का रेला लगना शुरू हो गया था। मान्यता है कि मातृ नवमी के दिन स्नान-दान और तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और सुहागिन स्त्रियों का सौभाग्य बढ़ता है। इस दिन विशेष रूप से दिवंगत माताओं के श्राद्ध का महत्व माना जाता है। इसे मातृ नवमी और बुढ़िया नवमी के नाम से भी जाना जाता है।
पंडितों के अनुसार पितृपक्ष में प्रतिपदा से अमावस्या तक कुल सोलह तिथियों का श्राद्ध होता है, जिसमें मातृ नवमी स्त्रियों के श्राद्ध के लिए निर्धारित है। इस अवसर पर सुहागिन स्त्रियों को भोजन कराकर सौभाग्य सामग्री दान करने की परंपरा है।
सीताकुंड और रामगया घाट पर सोमवार को हजारों महिलाओं ने स्नान-तर्पण कर अपने पूर्वजों का स्मरण किया। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के तहत महिला पुलिसकर्मियों के साथ जवान भी तैनात रहे।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
