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दुनिया में भारत की पहचान बनाते हैं मुरादाबाद के कारीगरों के शिल्प : ओम बिरला

नगर निगम मुरादाबाद द्वारा 15 करोड़ रुपए की लागत से तैयार संविधान साहित्य वाटिका का  लोकार्पण करते लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

– लोकसभा अध्यक्ष ने नगर निगम मुरादाबाद के 15 करोड़ की लागत से तैयार संविधान साहित्य वाटिका का किया लोकार्पण

मुरादाबाद, 25 जून (Udaipur Kiran) । मुरादाबाद की धरती पीतल की धरती है। यहां के कारीगरों के शिल्प दुनिया में भारत की पहचान बनाते हैं। यह बातें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार रात्रि को मुरादाबाद के बुद्धि विहार में नगर निगम मुरादाबाद द्वारा करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से तैयार संविधान साहित्य वाटिका के लोकार्पण पर कही। उन्होंने लोकार्पण के उपरांत पूरे वाटिका का भ्रमण किया और भित्ति चित्रों एवं अन्य आकर्षक प्रतिमाओं का जायजा लिया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आगे कहा कि आज मुरादाबाद की धरती के लिए ऐतिहासिक दिन है। इस धरती पर बनी संविधान साहित्य वाटिका आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक होगी। भारत की संस्कृति, साहित्य और विरासत हम सब को आज भी प्रेरित करती है। मुरादाबाद के साहित्यकार, लेखक और विचारकों ने अपनी लेखनी, विचार और गीतों से देश और दुनिया को नया विचार देने का काम किया है।

ओम बिरला ने कहा कि इस संविधान साहित्य वाटिका के माध्यम से लोकतंत्र के मूल्य और विचारों से आने वाली पीढ़ी प्रेरणा लेगी। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता हमारी ताकत है। दुनिया में यही विविधता हमारी सामर्थ्य बनी है। स्वतंत्रता के बाद हमने लोकतंत्र के विचारों को आत्मसात करके प्रगति की है। इस संविधान साहित्य वाटिका से आने वाली पीढ़ी को अपने कर्तव्यों और दायित्वों का बोध होगा।

मुरादाबाद में यह वाटिका लोकतंत्र, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व जैसे संविधान के मूल सिद्धांतों को दर्शाता है। यह एक ऐसा स्थान है जो कला, इतिहास और नागरिक शिक्षा को एक साथ जोड़ता है।

वाटिका के केंद्र में विशेष कलात्मक इंस्टॉलेशन (स्थापना) बनाए गए हैं जो संविधान के विकास की कहानी बताते हैं। भारत की प्राचीन दार्शनिक परंपराओं से लेकर आजादी के बाद संविधान के निर्माण तक इन कहानियों को पत्थरों पर उकेरे गए चित्रों और धातु की नक्काशी के माध्यम से दिखाया गया है, जिनमें स्थानीय शिल्पकला का उपयोग किया गया है।

वाटिका के अलग-अलग हिस्सों में संविधान के चार स्तंभ, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को दर्शाने वाली मूर्तियाँ, भित्ति चित्र और उकेरे गए लेख लगाए गए हैं। यह वाटिका हर नागरिक को इन मूल्यों के गहरे अर्थों को समझने और आत्मसात करने के लिए प्रेरित करता है।

वाटिका में संविधान निर्माताओं को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया है। डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा स्थापित हैं। इनके जीवन और योगदान को दर्शाने के लिए प्रतिमाएं, पट्टिकाएं और क्यूआर कोड के माध्यम से इंटरएक्टिव जानकारी उपलब्ध कराई गई है।

इस वाटिका की खास बात यह है कि इसमें पारंपरिक भारतीय डिजाइन जैसे- जाली कार्य, तोरण, और वटवृक्ष (बरगद का पेड़) जैसे प्रतीकों का आधुनिक स्थापत्य के साथ सुंदर मेल किया गया है। यह एक जीवित संग्रहालय की तरह है, जहां हर उम्र के लोग आकर संविधान को समझ सकते हैं।

इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, महापौर विनोद अग्रवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य सतपाल सिंह सैनी, विधायक रितेश गुप्ता, कुंदरकी विधायक रामवीर सिंह ठाकुर, एमएलसी डॉक्टर जयपाल सिंह व्यस्त, जिलाा पंचायत अध्यक्ष डॉ शैफाली सिंह चौहान, मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह, जिलाधिकारी अनुज सिंह, नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल आदि उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

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