Chhattisgarh

धमतरी में भी होगी आयल पाम की खेती, 300 हेक्टेयर का लक्ष्य

खेत में तैयार हो रहे पाम के पेड़। फाईल फोटो

धमतरी, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । देश को खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में धमतरी जिला तेजी से कदम बढ़ा रहा है। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन और छत्तीसगढ़ शासन की साझा पहल से जिले में आयल पाम की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए तीन एफ आयल पाम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है, जो उद्यानिकी विभाग के साथ मिलकर कार्य कर रही है।

धमतरी जिले को प्रारंभिक चरण में 300 हेक्टेयर में आयल पाम रोपण का लक्ष्य मिला है। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा स्वयं इस योजना की प्रगति पर बारिकी से नजर बनाए हुए हैं और हर स्तर पर उसकी समीक्षा कर रहे हैं। किसानों को पौधारोपण से लेकर उत्पादन तक तकनीकी सहायता, अनुदान और फसल खरीदी की गारंटी आदि है। आयल पाम की खेती से जुड़े किसानों ने बताया कि आयल पाम खेती के कई फायदे है। उच्च उत्पादन क्षमता है। प्रति एकड़ 10 से 12 टन तक वार्षिक उत्पादन होता है। फसल बिक्री के लिए तीन एफ कंपनी से अनुबंधित खरीदी की व्यवस्था है। पौधारोपण, सिंचाई साधन (बोरवेल, पंपसेट) सहित अन्य जरूरतों के लिए अनुदान की सुविधा है। कम लागत की खेती है। खेती में न्यूनतम मजदूरों की आवश्यकता होती है। इस फसल में कम बीमारी की संभावना है, कीटनाशकों पर खर्च की बचत है। इस खेती में दीर्घकालिक लाभ है। यह एक बहुवर्षीय फसल है, जो 25–30 वर्षों तक उत्पादन देती है। शुरुआती वर्षों में अन्य फसलें उगाई जा सकती हैं।

आयल पाम की खरीदी के लिए सरकार द्वारा समर्थन मूल्य निर्धारित है, सीधी खरीदी कंपनी द्वारा की जाएगी। व्यक्तिगत और समूह किसान दोनों इस योजना में शामिल हो सकते हैं। समूह में शामिल होने के लिए सहमति शपथ-पत्र देना होगा। न्यूनतम दो हेक्टेयर सिंचित भूमि पर खेती करने वाले किसानों को पंपसेट व बोरवेल पर अनुदान मिलेगा। यह पहल न केवल किसानों की आय को बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि खाद्य तेल के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगी। अधिक जानकारी के लिए किसान अपने नजदीकी उद्यानिकी कार्यालय या तीन एफ आयल पाम प्रतिनिधियों से संपर्क कर सकते हैं। तेल में आत्मनिर्भर भारत का सपना, धमतरी से साकार होगा।

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(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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