Uttar Pradesh

फतेहपुर में विलुप्त प्राय नदियाें के पुनरुद्धार के लिए अधिकारियाें ने किया मंथन

जय संचयन के लिए जिला स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह

फतेहपुर, 17 जून (Udaipur Kiran) । वर्षा जल संचयन एवं राज्य भूजल संवर्धन योजना से संबंधित जिला स्तरीय तकनीकी समन्वय समिति एवं विलुप्त प्राय नदी के पुनरोद्धार के लिए मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई।

जनपद में गिरते भूजल स्तर से सिंचाई, पेय जल, औद्योगिक एवं शहरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भूजल संसाधनों पर उत्तरोत्तर बढ़ती निर्भरता के दृष्टिगत एवं इन संसाधनों के विवेकयुक्त उपयोग विनिमित दोहन एवं प्रभावी संरक्षण के उद्देश्य से जनपद में भूजल प्रबंधन वर्ष जल संचयन एवं भूजल रिचार्ज के लिए चेक डैम का निर्माण एक प्रभावशाली योजना के रूप में अभी तक कारगर हुआ है। फतेहपुर कृषि प्रधान जनपद है जहां भूगर्भ जल सम्पदा प्रमुख सिंचाई साधन के रूप में एक विशिष्ट स्थान बना लिया है, इसका आकलन इस तथ्य से होता है कि जनपद में 70 प्रतिशत सिंचित कृषि भूमि भूगर्भ जल पर निर्भर है। भूगर्भ जल संरक्षण एवं रिचार्ज हेतु 13 चेकडैम, चेकडैम कम रपटा, 154 तालाब व झील, 55 एनीकट तथा 81 शासकीय व अर्धशासकीय भवनों पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना के प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा किया और संबंधितों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने सहायक अभियंता लघु सिंचाई को निर्देश देते हुए कहा कि जो प्रस्ताव की सूची है, उपजिलाधिकारियों और संबंधित विभागों को उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में क्रिटिकल एवं सेमी क्रिटिकल विकास खण्डों को प्राथमिकता के आधार पर उक्त कार्यों को लिया जाय।

उन्होंने उपजिलाधिकारियों से कहा कि जो कार्य प्रस्ताव में लिए गए है उनका सर्वे करा लिया जाय और कितना क्षेत्रफल लाभान्वित होगा।

उन्होंने उप जिलाधिकारियों व खंड विकास अधिकारियों से कहा कि अपने–अपने तहसील व विकास खंड क्षेत्रों की प्रमुख नदियों का सर्वे करा ले, जिनका पुनरोद्धार की आवश्यकता है और इनसे कितने ग्राम पंचायतें लाभान्वित होंगी, कितना क्षेत्र है और वर्तमान में नदी का स्वरूप क्या है, कि स्थिति से अवगत कराए साथ ही ग्राम पंचायतों के नागरिकों से भी इसका फीडबैक लेते हुए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करे।

उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी कहा कि आगामी वर्षाकाल में पौधारोपण की कार्ययोजना बना ले।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना, जिला विकास अधिकारी प्रमोद सिंह चंद्रौल, परियोजना निदेशक डीआरडीए शेषमणि सिंह, डीसी मनरेगा अशोक कुमार, अधिशाषी अभियंता सिंचाई, नहर, उप कृषि निदेशक, सहायक अभियंता लघु सिंचाई समस्त खंड विकास अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी व समस्त उप जिलाधिकारी जूम के माध्यम से जुड़े रहे।

(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र कुमार

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