
–हाईकोर्ट ने चेताया, हड़ताल के चलते सुनवाई टालना न्यायिक कदाचरण, अधिकारी पर हो सकती है कार्रवाई
प्रयागराज, 04 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि वकीलों की हड़ताल के कारण अधिकारी सुनवाई टाल नहीं सकते हैं। ऐसा करने पर उनके खिलाफ पद से हटाने तक की कार्रवाई की जा सकती है। कोर्ट ने अलीगढ़ में एक उप जिलाधिकारी को स्थानीय बार एसोसिएशन की हड़ताल के आह्वान के चलते मामले की सुनवाई स्थगित करने पर फटकार लगाई है। साथ ही उनको कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
सत्यपाल सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर ने कहा कि बार एसोसिएशन के इस प्रकार के आह्वान को स्वीकार करना न्यायिक अधिकारी के आचरण में कदाचार की श्रेणी में आ सकता है। इसके चलते उस अधिकारी को पद से हटाने तक की अनुशंसा की जा सकती है। कोर्ट ने एसडीएम को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा कि क्यों न उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए, क्योंकि उन्होंने वकीलों की हड़ताल के चलते 25 जुलाई की सुनवाई टाल दी थी।
याची सत्यपाल सिंह ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के तहत बहाली आवेदन दाखिल किया था। 25 जुलाई को सुनवाई थी। वकील उस दिन न्यायिक कार्य से विरत थे, जिसके चलते मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को तय की गई। कोर्ट ने एसडीएम के इस आचरण की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अब यह भली-भांति स्थापित है कि बार एसोसिएशन के आह्वान पर पेशेवर कार्य से विरत रहना पूरी तरह अवैध और अमान्य है। यदि कोई वकील बहाली आवेदन पर उपस्थित नहीं हुआ और बार की कोई हड़ताल थी तब भी कोर्ट को कानून का पालन करना चाहिए, न कि उस प्रस्ताव का समर्थन जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय सिद्धांतों के विपरीत हो।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
