धर्मशाला, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । ओबीसी समाज के अधिकारों व मांगों की बहाली को लेकर आवाज बुलंद करते हुए संघर्ष समिति के नेतृत्व में 20 सितंबर को कांगड़ा से धर्मशाला तक ओबीसी सामाजिक न्याय यात्रा निकाली जाएगी। यह बात ओबीसी संघर्ष समिति हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष सौरभ कौंडल ने कही। शनिवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि यह यात्रा कांगड़ा के नगर परिषद मैदान से शुरू होगी और उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में संपन्न होगी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ यात्रा नहीं है बल्कि ओबीसी की पहचान, अधिकार और अस्तित्व की लड़ाई है। उन्होंने प्रदेशभर के ओबीसी समाज से इस आंदोलन में भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी यदि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ओबीसी समाज की मांगों में 93वां संविधान संशोधन 2005 के अनुसार प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में ओबीसी आरक्षण तत्काल लागू किया जाए। केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों में ओबीसी छात्रों के लिए छात्रावासों का निर्माण, राइट टू एजुकेशन एक्ट को राज्य में पूर्ण रूप से लागू किया जाए। वहीं, नौकरी और सेवाओं में भी समान अवसर दिया जाए। मंडल आयोग व सुप्रीम कोर्ट के अनुसार 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण सभी सरकारी व अर्ध सरकारी सेवाओं में लागू किया जाना, एनएफएस यानी नाट फाउंड सूटेबल के नाम पर आरक्षित वर्ग को नकारने वाले अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई हो, रोस्टर प्रणाली के तहत सभी विभागों में ओबीसी को आरक्षण सुनिश्चित हो। सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में ओबीसी को केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार आरक्षण लागू किया जाए। ओबीसी बैकलाग पदों को तुरंत भरा जाए, तब तक नई नियुक्तियां रोकी जाए। एचपीपीएससी व अन्य चयन आयोगों में ओबीसी का प्रतिनिधित्व व साक्षात्कार समितियों में भागीदारी सुनिश्चित किया जाए। सभी विभागों में रोस्टर का समुचित रखरखाव के लिए संपर्क अधिकारी नियुक्त किया जाए। ओबीसी बैकलाग पदों को तुरंत भरा जाए, तब तक नई नियुक्तियां रोकी जाएं। हिमाचल विधानसभा व लोकसभा में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटें तय की जाएं।
बॉक्स: जल्द करवाई जाए ओबीसी जनगणना
ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल विधानसभा में एक विशेष कमेटी बनाई जाए। ओबीसी जनगणना प्रदेश में जल्द करवाई जाए। एससी, एसटी की तर्ज पर ओबीसी कल्याण के लिए अलग बजट का प्रावधान किया जाए। नगरोटा बगवां, पालमपुर नूरपुर के ओबीसी भवनों को ओबीसी संगठनों को सौंपा जाए। धर्मशाला के पासू में निर्माणाधीन ओबीसी भवन का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए। हिमाचल ओबीसी वित्त एवं विकास निगम की ऋण प्रक्रिया में आय सीमा हटाई जाए व ऋण सीमा बढ़ाई जाए। इस दौरान संघर्ष समिति के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
