
जयपुर, 4 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती-2023 में कोविड काल में संविदा पर दो साल से भी कम समय काम करने वाले कोविड हेल्थ वर्कर व कोविड हेल्थ ऑफिसर को कार्य अनुभव के 15 बोनस अंक का लाभ देने के मामले में राज्य सरकार से जवाब देने के लिए कहा है। वहीं भर्ती की चयन प्रक्रिया को अपील में होने वाले निर्णय के अधीन रखा है। सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस मनीष शर्मा ने यह आदेश मनोहर लाल की अपील पर दिया।
मामले से जुड़े अधिवक्ता प्रदीप सिंह ने बताया कि अपील में एकलपीठ के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें एकलपीठ ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया था। अपील में कहा कि राज्य सरकार ने 25 अप्रैल 2023 को अधिसूचना जारी कर कोविड काल में संविदा पर दो साल से भी कम समय काम करने वाले कोविड हेल्थ वर्कर व कोविड हेल्थ ऑफिसर को कार्य अनुभव के 15 बोनस अंक का लाभ देने के लिए कहा है। यह गलत है, इससे कोविड में एक दिन काम करने वाला अभ्यर्थी भी बोनस अंक का पात्र हो गया है। इसके अलावा सीएचए व सीएचओ का काम अपीलार्थियों के समान नहीं है। ऐसे में सीएचए व सीएचओ को कार्य अनुभव के बोनस अंक देने से अपीलार्थी अस्थाई वरीयता सूची से बाहर हो गए हैं। जबकि वे पिछले 7-8 साल से नियमित तौर पर नर्सिंग का काम कर रहे हैं। उन्हें बोनस अंक देने से अपीलार्थियों के हित भी प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए दो साल से कम काम करने वाले सीएचए और सीएचओ को बोनस अंक का लाभ नहीं दिया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए चयन प्रक्रिया को अपील के निर्णय के अधीन रखा है।
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(Udaipur Kiran)
