
हरिद्वार, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) यूनिट की ओर से स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर लगभग 500 स्वयंसेवकों ने भाग लिया और एनएसएस के उद्देश्यों को जीवंत रूप से प्रदर्शित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. हेमलता ने की। मुख्य अतिथि डॉ. एसपी सिंह और विशिष्ट अतिथि कुलसचिव प्रो. विपुल शर्मा उपस्थित रहे।
स्थापना दिवस पर कुलपति प्रो. हेमलता ने एनएसएस को विद्यार्थियों में सेवा, सामाजिक उत्तरदायित्व और राष्ट्र निर्माण की चेतना विकसित करने वाला माध्यम बताया। मुख्य अतिथि डॉ. एसपी सिंह ने इसके उद्देश्य को व्यक्तित्व विकास और समाज से जोड़ने के रूप में रेखांकित किया। कुलसचिव प्रो. विपुल शर्मा ने अनुशासन, टीम वर्क और समाज के प्रति संवेदनशीलता पर जोर दिया। वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. जगराम मीणा ने स्वयंसेवकों की सक्रिय भागीदारी को समाज के परिवर्तन के लिए समर्पित बताया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संगीता मदान ने कहाकि राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की स्थापना 24 सितंबर 1969 को हुई थी, जो महात्मा गांधी की 100वीं जयंती के अवसर पर शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों में सामाजिक कल्याण के विचार को प्रोत्साहित करना और बिना पक्षपात के समाज को सेवा प्रदान करना है।
डॉ. मयंक पोखरियाल ने विद्यार्थियों के उत्साह और राष्ट्र सेवा के संकल्प को सच्चा नागरिक और समाजसेवी बनाने वाला बताया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अश्वनी ने स्वयंसेवकों को एनएसएस की शपथ दिलाई, जबकि वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. जगराम मीणा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में स्वयं सेविकाओं एवं स्वयंसेवकों द्वारा उत्तराखंड लोक नृत्य, राजस्थानी लोक नृत्य, भरतनाट्यम, साथ ही स्वच्छता पर नुक्कड़ नाटक, भाषण और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से विद्यार्थियों ने सेवा, संस्कृति और स्वच्छता जैसे संदेश को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया।
डॉ. अश्वनी ने बताया कि कार्यक्रम न केवल एनएसएस के उद्देश्यों को उजागर किया, बल्कि विद्यार्थियों में सेवा, संस्कृति और स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी की भावना को भी प्रबल किया। डॉ. राहुल सिंह ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करेगा।
—————
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
