Jammu & Kashmir

एनएसएफ ने जम्मू विश्वविद्यालय में बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

जम्मू, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । नेशनल सेक्युलर फोरम ने रविवार को जम्मू विश्वविद्यालय परिसर में भारत के महान नेता और समाज सुधारक बाबू जगजीवन राम की 39वीं पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर एनएसएफ सदस्यों ने पुष्पांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में जेकेएनसी के प्रांतीय संयुक्त सचिव व पूर्व बीसीसीआई सदस्य अंकुश अबरोल मुख्य अतिथि रहे, जबकि जिला समन्वयक एवं जेकेएनसी के जोनल सचिव डॉ. विकास शर्मा ने अध्यक्षता की। एनएसएफ के राज्य अध्यक्ष डॉ. सुखदेव सिंह कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।

अपने संबोधन में अंकुश अबरोल ने विश्वविद्यालय इकाई द्वारा इस महत्वपूर्ण पहल की सराहना की और कहा कि बाबू जगजीवन राम को याद करना समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने उन्हें एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले नेता, उत्कृष्ट प्रशासक और प्रभावशाली वक्ता बताया। उन्होंने कहा कि बाबूजी ने हैमंड आयोग के सामने दलितों को मताधिकार दिलाने की मांग रखी थी, जो एक ऐतिहासिक कदम था।

डॉ. विकास शर्मा ने बाबूजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि बाबूजी ने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी निभाई और भारत छोड़ो आंदोलन में गिरफ्तार भी हुए। डॉ. सुखदेव सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बाबू जगजीवन राम का योगदान भारतीय राजनीति और समाज के लिए अमूल्य है। उन्होंने 1936 में मात्र 28 वर्ष की उम्र में बिहार विधान परिषद में प्रवेश किया और उसके बाद केंद्र सरकार में संचार, श्रम और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में कार्य किया। वे 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान देश के रक्षा मंत्री भी रहे। उन्होंने 50 वर्षों तक लगातार संसद सदस्य के रूप में सेवा देकर एक रिकॉर्ड स्थापित किया। उन्होंने यह भी बताया कि बाबूजी की पुत्री मीरा कुमार लोकसभा की 15वीं अध्यक्ष भी रहीं।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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