
नई दिल्ली, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि अब समय आ गया है कि वो क्रिकेट समेत दूसरे खेलों से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अब क्रिकेट में खेल जैसै कुछ नहीं रहा, यह सब बिजनेस है। कोर्ट ने ये टिप्पणी उस अर्जी पर सुनवाई करते हुए की जिसमें जबलपुर संभाग के एक क्रिकेट एसोसिएशन से संबंधित मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मसला यह है कि इन सभी मामलों में नतीजों में काफी हित जुड़े हुए हैं। जिस किसी भी खेल का व्यवसायीकरण हो गया है, तो ऐसा होना तय है। जस्टिस विक्रम नाथ ने विभिन्न पक्षों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों से पूछा कि आज हम क्रिकेट खेल रहे हैं। तीन-चार मामले हैं। एक मामला पहले ही दूसरे दौर के लिए स्थगित हो चुका है। यह दूसरा मामला है। दो और मामले हैं। आज आप कितने टेस्ट मैच खेलेंगे। तब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि देश में क्रिकेट के प्रति जुनून है। इस पर जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि इस कोर्ट को क्रिकेट और बैडमिंटन, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कुछ चिंताओं के कारण ये मामले सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आ रहे हैं। तब जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि इन सभी मामलों के नतीजों में काफी हित जुड़े हुए हैं। जिस किसी भी खेल का व्यवसायिकरण हो गया है तो ऐसा होना तय है।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
