

कोरबा, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । कोरबा जिले में पेयजल आपूर्ति की दिशा में सरकार की निरंतर पहल से अब गांवों में पानी की किल्लत अतीत बनती जा रही है। कभी पानी के लिए नाले और कुएं तक जाने को मजबूर ग्रामीण अब अपने घरों में नल से बहती जलधारा से राहत महसूस कर रहे हैं।
कोरबा ब्लॉक के ग्राम कोरई की पहाड़ी कोरवा महिला हीराबाई बताती हैं कि पहले उन्हें जंगल के नाले से पानी लाना पड़ता था, लेकिन अब घर में सोलर ड्यूल पंप और नल कनेक्शन लगने से उनकी परेशानी खत्म हो गई है। इसी तरह करतला ब्लॉक की वृद्धा विपदी बाई को भी अब कुएं से पानी खींचने की मशक्कत नहीं करनी पड़ती। जल जीवन मिशन के तहत मिले घरेलू नल कनेक्शन से उनका जीवन आसान हो गया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुसार, वर्ष 2000 में जिले में 8232 हैंडपंप थे, जो 2025 में बढ़कर 14693 हो गए हैं। वहीं, नल जल योजनाओं की संख्या 36 से बढ़कर 102 हो गई है, जिससे 13546 घरों को पाइप लाइन से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।
फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में 100 फ्लोराइड रिमूवल प्लांट स्थापित किए गए हैं। बिजली विहीन ग्रामों में 273 सोलर ड्यूल पंप लगाए गए हैं। जल जीवन मिशन के तहत अब तक 357 एकल ग्राम योजनाएं पूर्ण कर 83 हजार से अधिक परिवारों को नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं, जबकि समूह जल प्रदाय योजना से 245 ग्रामों को जोड़ा गया है।
कुल मिलाकर वर्ष 2025 तक कोरबा जिले में 1.47 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन मिल चुका है। इससे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षों से चली आ रही पेयजल समस्या अब लगभग समाप्ति की ओर है।
(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
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(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
