
चंडीगढ़, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा की वित्तायुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि कृषि जनगणना 2021-22 के दूसरे चरण की लंबित सत्यापन रिपोर्ट जल्द मुहैया करवाई जाए। इसके साथ ही 16 जिले ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। इस लापरवाही पर एफसीआर ने राजस्व विभाग के 38 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इनमें 6 जिला राजस्व अधिकारियों (डीआरओ), 23 तहसीलदारों और 9 नायब तहसीलदारों सहित 38 दोषी राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की जा रही है।
सुमिता मिश्रा ने विभागीय अधिकारियों की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वह समय पर रिपोर्टिंग और जवाबदेही सुनिश्चित करें। डॉ. मिश्रा ने कहा कि नई डिजिटल पहल के तहत बनाया पोर्टल अगस्त 2025 तक चालू हो जाएगा। यह राजस्व न्यायालय मामला प्रबंधन प्रणाली समग्र जवाबदेही में सुधार करेगी, लंबित मामलों को कम करेगी और भूमि संबंधी सेवाओं को जनता के लिए तेज़ और अधिक सुलभ बनाएगी।
एफसीआर ने बताया कि राज्य भर में सीमांकन प्रक्रिया जल्द ही उन्नत रोवर्स के माध्यम से संचालित की जाएगी। हरियाणा सरकार उत्तर प्रदेश के साथ सीमा निर्धारण और पूरी तरह से कागज़ रहित संपत्ति पंजीकरण प्रणाली को लागू करेगी। उन्होंने अधिकारियों को भूमि भूखंड मानचित्रों के डिजिटलीकरण और सत्यापन को अगस्त 2025 तक पूरा करने का भी निर्देश दिया।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि राज्य भारतीय सर्वेक्षण विभाग के निर्देशों के अनुरूप हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच 1,221 सीमा स्तंभ स्थापित करने के निर्देश दिए। स्तंभ लगाने का कार्य पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, पलवल और करनाल सहित कई जिलों में होगा। एसओआई सर्वेक्षणों पर आधारित मानचित्र संबंधित जिलों के साथ साझा किए गए हैं और कार्य को प्रभावी ढंग से करने के लिए धनराशि जारी कर दी गई है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
