Haryana

आरटीआई का जवाब नहीं देने पर अबतक 33 हजार अधिकारियों को नोटिस

चंडीगढ़, 1 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा में सूचना अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद आरटीआई का जवाब नहीं देने पर अब तक करीब 33 हजार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा चुके हैं। यह जानकारी भी एक आरटीआई के जवाब के माध्यम से ही मिली है।

हरियाणा में 12 अक्टूबर 2005 को आरटीआई अधिनियम के लागू किया गया था। जिसके लागू होने के बाद 31 मार्च 2025 तक विभिन्न विभागों के राज्य लोक सूचना अधिकारियों के खिलाफ राज्य सूचना आयोग हरियाणा में 1 लाख 49 हजार 863 अपीलें और शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें आरटीआई अधिनियम की धारा 19(3) के तहत 1 लाख 32 हजार 365 अपीलें और धारा 18(2) के तहत 17 हजार 318 शिकायतें शामिल हैं।

पिछले 19 वर्षों के दौरान गलत या अपूर्ण जानकारी प्रदान करने या एसपीआईओ द्वारा मांगी गई जानकारी न देने के लिए 33 हजार 179 अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। हरियाणा सूचना अधिकार मंच के राज्य संयोजक सुभाष के अनुसार आयोग ने अधिकांश मामलों में एसपीआईओ के औचित्य को स्वीकार कर लिया और केवल 4 हजार 48 मामलों में ही दोषी एसपीआईओ पर जुर्माना लगाया गया। फिर भी उनमें से अधिकांश ने उन पर लगाए गए जुर्माने को जमा नहीं कराया।

आरटीआई कार्यकर्ता को प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2025 तक आरटीआई अधिनियम की धारा 20(1) के तहत 4 हजार 48 मामलों में कुल 5 करोड़ 91 लाख 91 हजार 490 रुपये का जुर्माना लगाया गया। दंडित किए गए लगभग आधे एसपीआईओ ने आयोग के आदेशों की अवहेलना करते हुए जुर्माना जमा नहीं किया। राज्य सूचना आयोग ने आदेश दिया कि 3 हजार 637 मामलों में आवेदकों को 93 लाख 20 हजार 37 रुपये का मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा 1986 एसपीआईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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