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बेंगलुरू भगदड़ मामला: हाई कोर्ट से आरसीबी, केएससीए और डीएनए को नोटिस जारी

Court

बेंगलुरु, 17 जून (Udaipur Kiran) । बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की और कर्नाटक राज्य क्रिकेट अकादमी, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु फ्रेंचाइजी तथा डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड को प्रतिवादी बनाते हुए उनके खिलाफ नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने भगदड़ मामले में स्वतः संज्ञान लिया था।

कर्नाटक हाई कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट अकादमी, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु फ्रेंचाइजी और डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड को मामले में प्रतिवादी बनाया है। कोर्ट की ओर से उपरोक्त सभी को नोटिस जारी किए गए हैं। उन्हें निर्धारित समय के भीतर आपत्तियां दर्ज करने को कहा गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सी.एम. जोशी की दो सदस्यीय अस्थायी पीठ ने पारित किया।

इससे पहले सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता शशिकरण शेट्टी ने घटना की जानकारी वाली तथ्यात्मक रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पीठ को सौंपी। हालांकि, याचिका दायर करने वाले वकीलों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे पारदर्शिता नहीं रह सकती और रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।

जवाब में सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि इस समय पूरी जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता, क्योंकि मामले की मजिस्ट्रेट और न्यायिक जांच जारी है। हालांकि, अंतिम रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से अदालत में पेश की जाएगी।

याचिकाकर्ता के वकील ने पीड़ितों के लिए अधिक मुआवजे की भी मांग की है। एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील ने पीठ का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए कहा कि विधानसभा, कस्तूरबा रोड आदि निषिद्ध क्षेत्र होने के बावजूद इतने सारे लोग कैसे एकत्र हुए? खुफिया विभाग पूरी तरह विफल रहा है।

याचिका की सुनवाई के सिलसिले में सरकार की ओर से बहस करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता उदय होला को नियुक्त किया गया है। पीठ ने संकेत दिया कि मामले में अदालत की सहायता के लिए एक एमिकस क्यूरी की नियुक्ति की आवश्यकता है और अगली सुनवाई सोमवार दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास आईपीएल मैच में आरसीबी टीम के जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गये थे। हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए याचिका दायर की थी।

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(Udaipur Kiran) / राकेश महादेवप्पा

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