
गुवाहाटी, 17 जून (Udaipur Kiran) । पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) ने रेल परिचालन के आधुनिकीकरण और संरक्षण की दिशा में अपने निरंतर प्रयासों के तहत एक और उपलब्धि हासिल की है। तिनसुकिया मंडल के क्षेत्राधिकार में, मरियानी स्टेशन को वितरित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ईआई) प्रणाली के साथ सफलतापूर्वक चालू किया गया। यह कमीशंड होने के बाद पहली रेलगाड़ी ट्रेन संख्या 15604 (गुवाहाटी इंटरसिटी एक्सप्रेस) ने सिग्नल को बीते 13 जून को 21:55 बजे पार किया, जिससे इस स्टेशन पर अधिक कुशल और सुरक्षित ट्रेन परिचालन के एक नए युग की शुरुआत हुई।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने मंगलवार को बताया है कि नव-स्थापित सिग्नलिंग प्रणाली में कई उन्नत विशेषताएं शामिल हैं, जो निर्बाध ट्रेन आवागमन को सुगम बनाती हैं तथा परिचालन विश्वसनीयता को सुनिश्चित करती हैं। इस प्रणाली को 135 रूटों के साथ कंफिगर्ड किया गया है तथा बेहतर ऑपरेटर इंटरफ़ेस के लिए 02 डुअल वीडियो डिस्प्ले यूनिट (वीडीयू) से सुसज्जित किया गया है। लचीलापन परिचालन के लिए 12 लाइनों (5 रनिंग लाइन और 7 नॉन-रनिंग लाइन) के साथ-साथ ट्रैक टर्नआउट को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए कुल 33 प्वाइंट मशीनें लगाई गई हैं।
संरक्षा यानि सुरक्षा को और अधिक बेहतर बनाने के लिए, सिस्टम में 19 मुख्य सिग्नल और 30 शंट सिग्नल शामिल हैं, जिसे निरंतर ट्रेन का पता लगाने के लिए 44 डीसी ट्रैक सर्किट द्वारा मदद मिल रही है। स्टेशन में महत्वपूर्ण सिग्नलिंग घटकों को निर्बाध बिजली सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत बिजली आपूर्ति (आईपीएस) इकाइयों के 3 सेट और 300 एएच बैटरी बैंक से भी लैस किया गया है। 3 लॉगर्स के प्रावधान के साथ डेटा लॉगिंग क्षमता को काफी हद तक मजबूत किया गया है, जिनमें प्रत्येक में 512 डिजिटल और 32 एनालॉग इनपुट हैं, जो सटीक प्रणाली की निगरानी और त्रुटि निदान की अनुमति देता है।
स्टेशन पर दो मानवयुक्त ट्रैफिक फाटकों को भी एकीकृत सिग्नलिंग ढांचे के अधीन किया गया है। इसके साथ ही अतिरिक्त संरक्षा के लिए फायर अलार्म सिस्टम लगाए गए है। स्टेशनों के बीच ब्लॉक वर्किंग के लिए सुरक्षित संचार और ट्रेन नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए उच्च उपलब्धता सिंगल सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर (एचएएसएसडीएसी) सिस्टम के साथ यूनिवर्सल फेल-सेफ ब्लॉक इंटरफेस (यूएफएसबीआई) के 03 सेट प्रदान किए गए हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि इस कमीशनिंग में सभी पुराने इनडोर और आउटडोर सिग्नलिंग उपकरण को बदलना शामिल है, ताकि स्टेशन के बुनियादी ढांचे को अत्याधुनिक तकनीक और संरक्षा मानकों के अनुरूप बनाया जा सके। मरियानी स्टेशन पर नव स्थापित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा, मानवीय त्रुटियों को कम करेगा और ट्रेन के आवागमन की समग्र सुरक्षा में सुधार करेगा। यह विकास, इस क्षेत्र में सुरक्षित, तेज़ और अधिक विश्वसनीय ट्रेन परिचालन के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाने की दिशा में पूसीरे की व्यापक प्रतिबद्धता का हिस्सा है।——————-
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
