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उत्तर पश्चिम रेलवे : रनिंग लोको निरीक्षण अब होगा अधिक सुरक्षित, प्रभावी एवं सुव्यवस्थित

jodhpur

जोधपुर, 14 नवम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल स्थित भगत की कोठी (बीजीकेटी) लोको शेड ने इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में निरीक्षण कार्य के लिए एक महत्वपूर्ण नवाचार सफलता पूर्वक लागू किया है। रेल मंत्रालय के अधीन कार्यरत रिसर्च डिज़ाइन्स एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइज़ेशन (आरडीएसओ) द्वारा जारी मॉडिफिकेशन सीट-494 के अनुरूप निरीक्षण अधिकारियों के लिए समर्पित सीट की स्थापना का कार्य भगत की कोठी शेड ने अपने कुल 171 में से 169 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में पूर्ण कर लिया है।

जोधपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि इससे पूर्व इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में निरीक्षण (फुट प्लेट या विंडो टेलिंग) के दौरान अधिकारियों के बैठने के लिए कोई अलग व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी। ऐसे में निरीक्षण प्रक्रिया न केवल असुविधाजनक होती थी, बल्कि चालक दल की निरंतर निगरानी एवं रेल संचालन पर भी दुष्प्रभाव पड़ता था। डीआरएम के अनुसार नई मॉडिफिकेशन सीट से अब रनिंग लोको पर निरीक्षण कार्य पूर्व की तुलना में अधिक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और प्रभावी हो सकेगा।

भगत की कोठी डीजल शेड के वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (डीजल) राजकुमार शर्मा ने बताया कि आरडीएसओ मानकों के अनुरूप तैयार की गई यह प्रणाली जोधपुर मंडल में परिचालन विश्वसनीयता, सुरक्षा मानकों तथा कार्यकुशलता में वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

नई निरीक्षण सीट व्यवस्था के लागू होने से अधिकारी रनिंग लोकोमोटिव में अधिक व्यवस्थित तरीके से निरीक्षण कार्य कर सकेंगे। इससे परिचालन सुरक्षा में वृद्धि,निरीक्षण की गुणवत्ता में सुधार,चालक दल पर अनावश्यक दबाव में कमी और फुट प्लेट/विंडो टेलिंग की प्रक्रिया में मानकीकरण जैसे प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होंगे।

सीट को कैब फ्लोर लेवल से 75 सेंटीमीटर ऊंचाई पर स्थापित किया गया है। यह लोको पायलट की सीट के ठीक पीछे स्थित है, जिससे निरीक्षण के दौरान किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होती। इस ऊंचाई और स्थिति के कारण निरीक्षण अधिकारी ट्रैक, सिग्नल, ओएचई एवं लोको संचालन संबंधी गतिविधियों का स्पष्ट अवलोकन कर सकते हैं

(Udaipur Kiran) / सतीश