Assam

माल परिवहन के लिए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे विभिन्न उपायों को निरंतर दे रहा बढ़ावा

मालगाड़ी

गुवाहाटी, 16 जून (ही.स.)। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) जोन के अधीन माल परिवहन प्रणाली को बेहतर बनाने और ग्राहकों को बेहतर इंटरफेस प्रदान करने के लिए कई पहल कर रहा है। ऐसी पहलों में, मई, 2025 के दौरान ग्राहकों द्वारा विभिन्न सामग्रियों के लिए सुचारू और व्यवहार्य परिवहन की सुविधा के लिए आवक और जावक दोनों माल परिवहन की हैंडलिंग कुछ और स्टेशनों में शुरू किए गए हैं।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने सोमवार को बताया है कि ग्राहक इंटरफेस में सुधार और माल राजस्व में वृद्धि के लिए, कटिहार मंडल के अधीन फारबिसगंज स्टेशन को 5 मई से 06 महीने की अवधि के लिए खाद्यान्न और मक्का परिवहन के आवक और जावक दोनों रेकों की हैंडलिंग के लिए पुनः खोल दिया गया। लामडिंग मंडल के अंतर्गत निश्चिंतपुर स्टेशन में भी 26 मई से आवक पार्सल वैन परिवहन की हैंडलिंग शुरू कर दी गई है। इसी तरह, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने अपने मंडलों के अन्य मोर्चों पर बीडीयू (बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट्स) पहलों को बेहतर बनाने के लिए निरंतर समर्पित प्रयास किए हैं।

पूर्णिया, रानीपतरा, अररिया, किशनगंज, जलालगढ़, बथनाहा, फारबिसगंज, सूर्यकमल, डालखोला और कटिहार सहित कटिहार मंडल के विभिन्न स्टेशनों से मक्का की कुल 82 रेक बुक की गईं, जिससे 39.24 करोड़ रुपये का माल ढुलाई राजस्व प्राप्त हुआ। इसके अलावा, बीडीयू प्रयासों के तहत, लामडिंग मंडल के अधीन कई स्थानों से जिरनीया और संबंधित स्टेशनों के लिए स्टोन चिप्स के 1603 वैगन बुक किए गए, जिससे मई के महीने में 6.30 करोड़ रुपये का माल ढुलाई राजस्व प्राप्त हुआ। साथ ही, बीडीयू पहल के तहत, अलीपुरद्वार मंडल के अधीन फलकाटा स्टेशन से अगरतला स्टेशन तक 12 रेक आलू लोड किया गया, जिससे 0.81 करोड़ रुपये का माल ढुलाई राजस्व प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त, फालाकाटा और तूफानगंज स्टेशनों से तिरुप्पूर, ईरोड और मुजफ्फरनगर स्टेशनों तक मक्का के 2.5 रेक (105 वैगन) लोड किए गए, जिससे 2.10 करोड़ रुपये का माल ढुलाई राजस्व प्राप्त हुआ।

उल्लेखनीय है कि माल परिवहन में ग्राहक इंटरफेस के सुधार से व्यापारिक इकाइयों और रेलवे के बीच बातचीत के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, जिससे अद्वितीय सुविधा, दक्षता और पारदर्शिता मिलेगी। डिजिटलीकरण को अपनाने और ग्राहक केंद्रित नीतियों को प्राथमिकता देने से, भारतीय रेलवे देश में लॉजिस्टिक सेवाओं के लिए प्राथमिक विकल्प बन सकता है।————-

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

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