Chhattisgarh

घुमंतू एवं निराश्रित पशुओं को गौधाम योजना से मिलेगा आश्रय

प्रशिक्षण लेते हुए गौधाम संचालन करने में रूचि रखने वाले लोग।
प्रशिक्षण देते हुए प्रशिक्षक।

धमतरी, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । जिले में गौधाम संचालन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला एवं विकासखंड स्तरीय (अशासकीय) अध्यक्ष, सदस्यों एवं गौधाम संचालन में रुचि रखने वाली स्वैच्छिक संस्थाओं, गौशालाओं की उपस्थिति में कार्यालय उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जिला धमतरी में बुधवार को बैठक आयोजित की गई।

बैठक की अध्यक्षता जिलास्तरीय समिति सदस्य रंजीत साहू ने की। उन्होंने कहा कि गौधाम योजना का उद्देश्य घुमंतू एवं निराश्रित पशुओं को आश्रय प्रदान करना, जन-जन में गौसेवा के प्रति प्रेरणा जगाना तथा गौ- उत्पादों के माध्यम से रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डीए के मरकाम ने गौधाम योजना की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग नियम 2005 के अंतर्गत जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर गौधामों की स्थापना की जाएगी, जो पंजीकृत गौशालाओं से भिन्न होंगे। प्रथम चरण में प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास स्थित ग्रामों में गौधाम स्थापित किए जाएंगे। इनका प्रमुख उद्देश्य निराश्रित, घुमंतू एवं जब्त पशुओं का वैज्ञानिक तरीके से संरक्षण एवं संवर्धन करना है।

कृत्रिम गर्भाधान को प्रोत्साहित करना है। पशुधन विकास विभाग के अतिरिक्त उपसंचालक डा टीआर वर्मा ने पशुओं की नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान को प्रोत्साहित करने, उन्नत नस्ल के सांडों के उपयोग तथा हरा चारा उत्पादन जैसे पीसे नेपियर, लूसने एवं बरसीम की खेती को बढ़ावा देने की जानकारी दी। सहायक परियोजना अधिकारी जिला पंचायत धमतरी धरम सिंह ने जिले के अंतर्गत चयनित 17 गौठानों में गौधाम संचालन की स्थिति एवं प्रगति की जानकारी साझा की। बैठक में डॉ भूपेन्द्र कुमार पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ ने सभी उपस्थित सदस्यों, गौसेवकों एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा