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संभल मस्जिद ध्वस्तीकरण मामले में उच्च न्यायालय से नहीं मिली राहत

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

–याचिका वापस, कलेक्टर के समक्ष अपील दाखिल करने का विकल्प

प्रयागराज, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मस्जिद शरीफ गौसुलबरा रावन बुज़ुर्ग के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर काेई भी राहत नही दी। काेर्ट ने हस्तक्षेप से इंकार करते हुए याची काे कार्रवाई संबंधी आदेश के खिलाफ धारा 67 में कलेक्टर के समक्ष अपील दाखिल करने की हिदायत दी।

शनिवार काे न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने मस्जिद शरीफ गोसुलबरा रावन बुजुर्ग व अन्य की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कलेक्टर को अंतरिम आदेश की अर्जी पर मेरिट के आधार पर निस्तारण करने का आदेश दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी और शशांकश्री त्रिपाठी तथा सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता संजीव सिंह, मुख्य स्थाई अधिवक्ता द्वितीय जे एन मौर्य व स्थाई अधिवक्ता आशीष मोहन श्रीवास्तव ने बहस की। “उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 67(5) के तहत उपलब्ध वैकल्पिक उपाय का सहारा लेते हुए सक्षम न्यायालय, यानी संबंधित कलेक्टर के समक्ष अपील दायर करने का उपबंध है।

याचिका पर राहत न मिलते देख याची अधिवक्ता ने कानूनी वैकल्पिक अनुतोष प्राप्त करने के लिए याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी। उन्हाेंने कहा वह कलेक्टर के समक्ष अपील दाखिल करेंगे। सरकार की तरफ से याचिका वापस लेने पर आपत्ति नहीं की गई। जिस पर कोर्ट ने मांग स्वीकार कर लिया। इस याचिका में सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी-तहसीलदार, संभल द्वारा 2 सितम्बर 2025 को पारित आदेश को चुनौती दी गई थी।

मामले को समाप्त करने से पहले, याचिकाकर्ताओं के वकील ने अंतरिम संरक्षण प्रदान करने का अनुरोध किया। इस पर कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के लिए यह खुला है कि वे अंतरिम संरक्षण के लिए अपीलीय न्यायालय के समक्ष एक उचित आवेदन प्रस्तुत करें। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर किए गए किसी भी आवेदन पर अपीलीय न्यायालय द्वारा “इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश से प्रभावित हुए बिना, कानून के अनुसार, गुण-दोष के आधार पर विचार और निर्णय लिया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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