Chhattisgarh

फसल बीमा कराने में किसानाें की रूचि नहीं, पिछले साल 75 हजार 916 किसानों ने कराया था बीमा

खेत में रोपाई करते हुए मजदूर।

धमतरी, 3 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रशासन की अपील के बाद भी छत्तीसगढ़ में धमतरी जिले के कई किसान फसल बीमा कराने के लिए कोई खास रूचि नहीं दिखा रहे हैं, पहले पोर्टल देर से खुला उसके बाद भी बीमा की रफ्तार धीमी है। पिछले खरीफ सीजन में धमतरी जिले के कुल 75 हजार 916 किसानों ने 77 हजार 390 हेक्टेयर रकबे का बीमा कराया था, इनके द्वारा प्रीमियम राशि 8 करोड़ 72 लाख रूपये जमा की गई थी। इस खरीफ सीजन में अब तक पिछले साल की अपेक्षा 10 प्रतिशत किसानों ने भी फसल बीमा नहीं कराया है हालांकि किसानों के पास अभी 31 जुलाई तक का समय है। हर साल फसल बीमा कराने पोर्टल एक जुलाई को खुलता है लेकिन इस बार पोर्टल 14 जुलाई को खुला है। देर से पोर्टल खुलने पर यह उम्मीद जरूर बंधी है कि केन्द्र शासन स्तर पर अतिरिक्त समय दिया जा सकता है। लोन नहीं लेने वाले किसान कॉमन सर्विस सेंटर में भी पहुंचकर पंजीयन करवा सकते है जबकि जिन किसानों ने लोन लिया है वे बैंक या सोसायटी में पंजीयन करवा सकते है। प्रति एकड़ धान के लिए सिंचित श्रेणी में 480 रुपये और असिंचित में 360 रुपये प्रीमियम राशि तय किया गया है। इसी तरह मक्का के लिए 408 रुपये, सोयाबीन के लिए 392 रुपये, मुंगफली के लिए 336 रुपये, अरहर के लिए 328 रुपये, उड़द के लिए 200 रुपये, मूंग के लिए 200 रुपये, कोदो के लिए 144 रुपये, कुटकी के लिए 152 रुपये, रागी के लिए प्रति एकड़ 136 रुपये प्रीमियम राशि तय है। हेक्टेयर के हिसाब से धान सिंचित के लिए 1200 रुपये तथा असिंचित के लिए 900 रुपये प्रीमियम राशि जमा करना होगा। फसल बीमा कराने के लिए किसानों को बाध्य नहीं किया जाता है।

किसान अपनी मर्जी से अपनी फसल का बीमा करा सकते है। जो किसान केसीसी से फल के लिए ऋण लेते है उनकी फसल का बीमा अनिवार्य रूप से किया जाता है। जिले में होने वाले फसल बीमा का करीब 70 प्रतिशत बीमा ऋणी किसानों का होता है। लोन लेने पर बीमा अनिवार्य करने का कारण यह है कि नुकसान होने पर लोन की रकम बीमा कंपनी से वसूल की जा सके।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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