जम्मू, 18 सितंबर (Udaipur Kiran News) । नेशनल मज़दूर सम्मेलन (एनएमसी) द्वारा आयोजित दो दिवसीय भगवान विश्वकर्मा जयंती समारोह गुरुवार को धार्मिक श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर श्रमिक वर्ग ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व डिप्टी कमिश्नर बी.एस. जम्वाल रहे।
एनएमसी के अध्यक्ष सुभाष शास्त्री ने सभा को संबोधित करते हुए भगवान विश्वकर्मा के महत्व और उनके अद्वितीय इंजीनियरिंग चमत्कारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का निर्माता माना जाता है। उन्होंने द्वारका नगरी का निर्माण किया जहाँ भगवान कृष्ण ने राज्य किया, पांडवों की मयसभा तथा देवताओं के लिए अनेक दिव्य अस्त्र-शस्त्र रचे। वक्ताओं ने भगवान विश्वकर्मा को शिल्प, कला, वास्तुकला और इंजीनियरिंग का प्रवर्तक बताते हुए उन्हें बढ़ई, सुनार और कारीगरों का देवता भी माना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तकनीकी रूप से कुशल वर्ग के कल्याण हेतु उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए शास्त्री ने कहा कि स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहलें इन श्रमिकों के सर्वांगीण उत्थान के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यही भारत के विकास की मुख्य शक्ति हैं। इस अवसर पर कई प्रस्ताव भी पारित किए गए, जिनमें एसआरओ-64 के तहत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण और जुलाई से लंबित 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता जारी करना शामिल है। कार्यक्रम में राजन बाबू खजूरिया, रमेश शर्मा, सुरिंदर कुमार, राम सिंह, सुखदेव सिंह, चमन लाल, स्वरन भगत, गिरधारी लाल भगत, विजय भगत, शैल सिंह, तेरसेम शर्मा, तिलक राज शर्मा, राम पाल शर्मा सहित एनएमसी के कई सदस्य उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
