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एनआईएस मैनेजमेंट की स्टॉक मार्केट में फीकी एंट्री, कमजोर लिस्टिंग के बाद लगा लोअर सर्किट

एनआईएस मैनेजमेंट की कमजोर लिस्टिंग के बाद लगा लोअर सर्किट

नई दिल्ली, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । सिक्योरिटी और फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विसेज मुहैया कराने वाली कंपनी एनआईएस मैनेजमेंट के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में सुस्त शुरुआत करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 111 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 2.70 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 108 रुपये के स्तर पर हुई। कमजोर लिस्टिंग के बाद बिकवाली शुरू हो जाने के कारण कुछ ही देर में कंपनी के शेयर फिसल कर 102.60 रुपये के लोअर सर्किट लेवल पर पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को प्रति शेयर 8.40 रुपये यानी 7.48 प्रतिशत का नुकसान हो गया।

एनआईएस मैनेजमेंट का 60.01 करोड़ रुपये का आईपीओ 25 से 28 अगस्त के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 3.13 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 2.12 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 9.15 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 1.10 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 51.75 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 7.44 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ के तहत नए शेयरों की बिक्री से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 16.14 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 18.38 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 18.67 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 8 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 405.33 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस अवधि में कंपनी पर कर्ज में उतार-चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 87.22 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 91.11 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी के कर्ज में मामूली कमी आई और ये घट कर 83.78 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक

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