नई दिल्ली, 08 सितंबर (Udaipur Kiran) । नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआईआर) का 31वां राष्ट्रीय अधिवेशन 2 से 4 सितंबर तक नई दिल्ली के करनैल सिंह स्टेडियम में उत्तरी रेलवे मजदूर यूनियन के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इसमें देशभर के 17 जोन और प्रोडक्शन यूनियनों से जुड़े लगभग 20 हजार कर्मचारी और नेता शामिल हुए।
एनएफआईआर के महामंत्री डॉ एम. राघवैया ने सोमवार को मीडिया को अधिवेशन की जानकारी देते हुए बताया कि कि सम्मेलन में रेलवे में निजीकरण का विरोध, नई पेंशन योजना समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना की बहाली, रिक्त पदों पर नियुक्ति, नए पदों पर लगे प्रतिबंध हटाने, कर्मचारियों के स्थगित डीए/डीआर जारी करने और उत्पादकता लिंक्ड बोनस की गणना सीमा समाप्त करने जैसे मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ। इसके साथ ही रेलवे कर्मचारियों की ड्यूटी 10 घंटे से घटाकर 8 घंटे करने, रनिंग स्टाफ के किलोमीटर भत्ते को आयकर से मुक्त करने, नई सुरक्षा संबंधी सेवानिवृत्ति योजना बनाने तथा महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार पर भी चर्चा की गई।
एनएफआईआर के अध्यक्ष गुमान सिंह ने कहा कि रेलवे कर्मचारियों की एकता और संघर्ष संगठन की असली ताकत है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली सहित कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष तेज किया जाएगा।
कार्यकारी अध्यक्ष बी.सी. शर्मा ने कहा कि निजीकरण और कर्मचारियों के विरुद्ध नीतियों के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक पहुंचाया जाएगा।
प्रेस सचिव एस.एन. मलिक ने कहा कि अधिवेशन में पूर्व सैनिकों, दिव्यांग कर्मचारियों और रेलवे बोर्ड की विभिन्न समितियों से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि अधिवेशन में नवनिर्वाचित पदाधिकारियों की घोषणा भी की गई।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
