एक आईएएस व एक एचसीएस को किया तैनात
चंडीगढ़, 17 जून (Udaipur Kiran) । हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार के मकसद से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल का प्रबंधन करने का फैसला किया है। इस योजना को धरातल पर लागू करने के लिए मंगलवार को प्रदेश की अफसरशाही में दो नए पदों का सृजन किया गया है। नए पदों की स्वीकृति के साथ ही सरकार ने इन दोनों पोस्ट पर एक आईएएस और एक एचसीएस ऑफिसर की नियुक्ति भी कर दी है।
हारट्रोन के प्रबंध निदेशक आईएएस अधिकारी जे गणेशन काे अब उनको एचएआईडीपी और एचसीएपीएसडी के स्पेशल पपर्ज व्हीकल के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी के नव सृजित पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। आईएएस गणेशन के पास
सभी के लिए आवास विभाग का महानिदेशक तथा आवास विभाग के सचिव, हाउसिंग बोर्ड के मुख्य प्रशासक, हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का भी प्रभार है।
इसी प्रकार एचसीएस अधिकारी दीपक कुमार, जोकि वर्तमान में हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण के संयुक्त मुख्य कार्यकारी के पद पर तैनात हैं, को उनके वर्तमान कार्यभार के अलावा, एचएआईडीपी और एचसीएपीएसडी के स्पेशल पपर्ज व्हीकल के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया है।
यह दोनों अधिकारी प्रदेश में प्रमुख प्रौद्योगिकी और पर्यावरण संबंधी पहलों के कार्यान्वयन की देखरेख करेंगे। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशानुसार इस रोडमैप के तहत 1 नवंबर 2025 से गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत जिलों के फ्यूल स्टेशन एंड-ऑफ-लाइफ वाहनों को ईंधन की आपूर्ति नहीं करेंगे। 1 अप्रैल 2026 से यह रोक एनसीआर के शेष जिलों में भी लागू हो जाएगी। इसे लागू करने के लिए, सभी फ्यूल स्टेशनों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे पहले चरण वाले जिलों में 31 अक्टूबर 2025 तक और शेष एनसीआर में 31 मार्च 2026 तक लगाए जाएंगे।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
