Chhattisgarh

जशपुर में उभर रहा फूड इनोवेशन का नया मॉडल, स्थानीय उत्पाद ‘जशप्योर पास्ता’ ने बाजार में बनाई खास पहचान

फूड इनोवेशन
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फूड इनोवेशन

अंबिकापुर/जशपुर, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । स्थानीय संसाधनों पर आधारित फूड प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन के क्षेत्र में जशपुर जिले ने एक नया मॉडल प्रस्तुत किया है। स्व सहायता समूहों, किसानों, विशेषज्ञ संस्थानों और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों ने यह साबित किया है कि यदि सही प्रशिक्षण, तकनीक और बाजार से जुड़ाव मिले तो गांवों में तैयार उत्पाद भी बड़े उपभोक्ता बाजार में जगह बना सकते हैं। इसी दिशा में निफ्टम कुंडली (हरियाणा) का ग्राम अंगीकारम कार्यक्रम 19 से 27 नवंबर 2025 तक जिले में आयोजित किया जा रहा है, जिसने फूड इनोवेशन को नई गति दी है।

नौ दिवसीय कार्यक्रम के दौरान निफ्टम टीम ने शुक्रवार काे कलेक्टर रोहित व्यास और जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार से मुलाकात कर प्रशिक्षण गतिविधियों की रूपरेखा साझा की। प्रशिक्षण महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में हो रहा है, जहां जिला प्रशासन के समर्थन से जय जंगल फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी संचालन कर रही है। यह केंद्र महुआ, मिलेट्स और वनोपज आधारित नवाचारों का एक मजबूत हब बनकर उभर रहा है।

कार्यक्रम में स्व सहायता समूहों, एसपीओएस व पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थियों को स्थानीय कच्चे माल और मोटे अनाज से वैल्यू-एडेड उत्पाद बनाने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तीसरे दिन कांसाबेल, कुनकुरी और पत्थलगांव क्षेत्रों की 20 महिला सदस्यों और 5 एफपीओ प्रतिनिधियों ने पास्ता, बाजरा कपकेक और डोनट्स बनाने की प्रक्रिया में भाग लिया। प्रतिभागियों को पैकेजिंग, लेबलिंग, रेगुलेटरी मानकों, लागत गणना और मार्केट रणनीति की भी विस्तृत जानकारी दी गई।

सूजी पास्ता की विशेष ट्रेनिंग जय जंगल एफपीसी की गणपति और प्रभा ने दी। समूह की सदस्यों ने बताया कि यही उत्पाद “जशप्योर पास्ता” नाम से स्थानीय बाजार में उपलब्ध है और लोगों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। मैदा-आधारित पास्ता की तुलना में यह अधिक पौष्टिक माना जा रहा है और इससे समूह की महिलाओं की आय में भी बढ़ोतरी हो रही है।

मिलेट-आधारित कपकेक और डोनट्स की ट्रेनिंग निफ्टम की तकनीकी टीम ने दी, जिसमें वैज्ञानिक तरीके, टेक्सचर डेवलपमेंट, शेल्फ लाइफ और उपभोक्ता आकर्षण जैसे पहलुओं पर फोकस किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार मिलेट उत्पादों की बाजार मांग तेजी से बढ़ रही है और यह आने वाले समय में महिलाओं और युवाओं के लिए महत्वपूर्ण आय का साधन बनेंगे।

इस कार्यक्रम में पुरुषों व महिलाओं दोनों की सक्रिय भागीदारी जिले में फूड एंटरप्रेन्योरशिप के प्रति बढ़ते उत्साह को दर्शाती है। आयोजकों का मानना है कि ऐसी पहलें स्थानीय उत्पादों को मार्केट-रेडी रूप देने, नए रोजगार अवसर सृजित करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

निफ्टम कुंडली के व्हीएपी डायरेक्टर डॉ. हरिंदर सिंह ओबेरॉय के मार्गदर्शन में संचालित यह पहल राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण विकास, उद्यमिता और फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा दे रही है। जशपुर में वर्तमान टीम का नेतृत्व प्रो. प्रसन्ना कुमार जी.वी. और अभिमन्यु गौड़ कर रहे हैं। वहीं एनआरएलएम जशपुर के मिशन मैनेजर विजय शरण प्रसाद और जय जंगल एफपीसी के डायरेक्टर समर्थ जैन कार्यक्रम को स्थानीय स्तर पर मजबूती प्रदान कर रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / पारस नाथ सिंह