
सुलतानपुर, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) ।नई शिक्षा नीति कौशल विकास के साथ संस्कृति को समृद्ध करने में सहायक है । ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने से शिक्षा घर-घर तक पहुंच रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पांच साल शिक्षा क्षेत्र में बदलाव के साल हैं। यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. दिनेश कुमार त्रिपाठी ने गुरुवार को कहीं। वह महाविद्यालय के पुस्तकालय कक्ष में शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह व संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पांच वर्ष विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि भारत में 1968 , 1986 व 2020 में शिक्षा नीति आई । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पहली ऐसी शिक्षा नीति है जो भारत की अपनी शिक्षा नीति है। पांच साल बीतने पर हम पाते हैं कि यह शिक्षा नीति भारत को विश्व गुरु बनाने वाली नीति है।
अध्यक्षता करते हुए क्षत्रिय शिक्षा समिति के अध्यक्ष एड. संजय सिंह ने कहा कि गूगल जानकारी भले दे दे संस्कार कभी नहीं दे सकता । अध्यापक सफलता के स्तंभ हैं। नई शिक्षा नीति को लागू करने में आ रही दिक्कतों पर सरकार का ध्यान नहीं है । नई शिक्षा नीति ने महाविद्यालयों से विद्यार्थियों को गायब कर दिया है। प्रबंधक एडवोकेट बालचंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षक में समाज बदलने की क्षमता है। नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी पर ही टिका है।
इस अवसर पर पूर्व प्रबंधक सुरेन्द्रनाथ सिंह,उप प्राचार्य प्रो. निशा सिंह समेत महाविद्यालय के सभी शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे। समारोह में शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर महाविद्यालय कार्यसमिति के अध्यक्ष, प्रबंधक व पूर्व प्रबंधक ने सभी शिक्षकों को पुष्प,पेन व उपहार देकर सम्मानित किया।
(Udaipur Kiran) / दयाशंकर गुप्त
