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भारत-मंगोलिया में रक्षा, संस्कृति और सहयोग से जुड़े नए समझौते, स्मारक डाक टिक जारी

स्मारक डाक टिकट

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । भारत और मंगोलिया के बीच मंगलवार को द्विपक्षीय वार्ता हुई। इसमें दोनों देशों ने रक्षा, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई। साथ ही मंगोलिया को 1.7 अरब डॉलर की ऋण सहायता, मंगोलियाई नागरिकों को निःशुल्क ई-वीजा, नई रक्षा पहलों और धार्मिक-सांस्कृतिक सहयोग को आगे बढ़ाने की घोषणाएं की गईं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना के बीच मंगलवार को यहां के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति उखना के बीच हुई वार्ता में दोनों नेताओं ने 10 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। भारत मंगोलिया को तेल रिफाइनरी परियोजना के लिए 1.7 अरब डॉलर का ऋण देगा। यह भारत की विश्व में सबसे बड़ी विकास सहयोग परियोजना है।

भारत और मंगोलिया के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी और मंगोलियाई राष्ट्रपति उखना ने संयुक्त रूप से एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। इस डाक टिकट में भारत के पारंपरिक रामलीला रंगमंच और मंगोलिया के बियेलगी लोकनृत्य को दर्शाया गया है, जो दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक बंधन, साझा विरासत और स्थायी मित्रता का प्रतीक है।

दोनों नेताओं ने वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अब मंगोलिया के नगरिकों को निःशुल्क ई-वीजा सुविधा देगा। इसके अलावा हर वर्ष मंगोलिया के युवा सांस्कृतिक राजदूत बन प्रायोजित यात्रा पर भारत यात्रा करेंगे।

राष्ट्रपति उखना ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने देश की राजकीय यात्रा पर आमंत्रित किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि एक मंगोलियाई एयर कैरियर इस वर्ष के अंत में अमृतसर और नई दिल्ली के लिए चार्टर उड़ानें संचालित करने की तैयारी कर रहा है, जो पर्यटन और व्यापार क्षेत्रों सहित हमारे द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान देगा। चर्चा में भारत-मंगोलिया के बीच प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों, साझा बौद्ध धरोहर और रणनीतिक साझेदारी के 10 वर्ष पूरे होने पर विशेष रूप से बल दिया गया। उन्होंने भारत के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मंगोलिया भारत के साथ बहुआयामी सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाना चाहता है।

विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) पी. कुमारण ने वार्ता के बाद बताया कि दोनों देशों के रक्षा संबंध ‘नोमैडिक एलीफेंट’ और ‘खान क्वेस्ट’ जैसी संयुक्त सैन्य कवायदों पर आधारित हैं। भारत मंगोलिया को प्रशिक्षण, उपकरण और साइबर सुरक्षा में तकनीकी सहायता देता रहा है। मंगोलियाई राष्ट्रपति ने भारतीय सहयोग से स्थापित साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र की सराहना की और उसे और उन्नत करने का प्रस्ताव रखा।

कुमारण ने बताया कि भारत मंगोलिया को 2026 में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष ‘अर्हंत मोगल यैना’ और ‘अर्हंत सारिपुत्र’ भेजेगा। इसके साथ ही एक संस्कृत शिक्षक को एक वर्ष के लिए कंधन मठ भेजा जाएगा। आठ मंगोलियाई छात्रों के भारत भ्रमण के लिए ‘आईसीसीआर यूथ ओरिएंटेशन ट्रिप’ शुरू होगी, जबकि 70 नए ‘आईटीईसी’ प्रशिक्षण स्लॉट भी दिए जाएंगे। मंगोलिया ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का समर्थन दोहराया। इसके अलावा, ‘इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस’ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जो पर्यावरण संरक्षण में साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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