
काठमांडू, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । इजरायल और हमास के बीच हुए नए संघर्ष विराम समझौते के तहत सोमवार तक गाजा से 20 जीवित बंधकों की रिहा किया जाना है। रिहा किए जाने वाले इन बंधकों की सूची सार्वजनिक कर दी गई है लेकिन उसमें नेपाली नागरिक बिपिन जोशी का नाम शामिल नहीं है।
अक्टूबर 2023 में हमास के हमलों के दौरान बंधक बनाए गए लोगों को दो साल के बाद संघर्ष विराम के पहले चरण में रिहा किया जा रहा है लेकिन नेपाली नागरिक का नाम उसमें शामिल नहीं है जिससे उसके परिजन बेहद चिंतित हैं।
हमास और उसके सहयोगियों ने हमले के दौरान इज़राइल से 251 लोगों का अपहरण किया था और उन्हें गाजा ले गए थे। इनमें से 47 लोगों के अभी भी हमास के कब्जे में रहने की बात बताई गई है। पहले चरण में 20 लोगों की रिहाई सोमवार तक होने की घोषणा खुद अमेरिकी राष्ट्रपति के तरफ से की गई है।
इज़राइल पहले ही बंधकों में से 26 को मृत घोषित कर चुका है। जिन लोगों की स्थिति अज्ञात है उनमें इजरायली सैनिक तामीर निमरोदी और नेपाली छात्र बिपिन जोशी शामिल हैं।
नेपाल के जोशी का दक्षिणी इज़राइल के एलुमिन किबुत्ज़ से अपहरण कर लिया गया था। उनके परिवार ने हाल ही में पुष्टि की कि इजरायली बलों ने गाजा से एक वीडियो बरामद किया है जिसमें उन्हें जीवित दिखाया गया है, माना जाता है कि फुटेज नवंबर 2023 में फिल्माया गया था।
इजरायली मीडिया ने बताया कि वर्तमान संघर्ष विराम प्रस्ताव के तहत, 20 जीवित बंधकों और 28 मृतक के अवशेषों को इज़राइल को वापस कर दिया जाएगा। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि हमास को सभी मृतकों के बारे में पूरी जानकारी नहीं हो सकती है।
बिपिन जोशी के मामले ने नेपाल और इज़राइल में विशेष ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि यह एकमात्र ज्ञात नेपाली बंधक है जिनके बारे में अभी भी कोई भी पुख्ता जानकारी नहीं है। चार अन्य विदेशी नागरिक, तीन थाई और एक तंजानियावासी, कैद में हैं, हालांकि अधिकांश को मृत घोषित कर दिया गया है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
